CBSE 10th Result 2020: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ना अब फख्र की बात है : केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने एक बार फिर कमाल कर दिया है। 12वीं क्लास में इस साल सरकारी स्कूलों के 98 फीसद बच्चे पास हुए हैं
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। 12वीं कक्षा के परिणाम में दिल्ली के बेहतर प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने एक बार फिर कमाल कर दिया है। अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ना गर्व और फख्र की बात है। 12वीं क्लास में इस साल सरकारी स्कूलों के 98 फीसद बच्चे पास हुए हैं, जबकि प्राइवेट स्कूल में यह आंकड़ा 92.2 फीसद ही रहा है।
मुख्यमंत्री मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से दिल्ली में आप की सरकार बनी है, तब से सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर उठाने का प्रयास किया गया है। यही वजह है कि नतीजों में लगातार सुधार आ रहा है। 2016 में 88.9, 2017 में 90, 2019 में 94 और इस साल 97.90 फीसद बच्चे पास हुए हैं। दिल्लीवासियों ने एक ईमानदार सरकार चुनी। स्कूलों में अब शिक्षक और प्रधानाचार्य भी ईमानदारी से मेहनत करके अपने स्कूल को आगे ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे सरकारी स्कूलों का माहौल बदला है और शिक्षा में अधिक निवेश कर सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इन नतीजों ने सरकारी स्कूलों के बच्चों के प्रति लोगों की हीनभावना को खत्म किया है। 70 साल के इतिहास में किसी राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के नतीजे 98 फीसद नहीं आए हैं। सरकारी स्कूलों में दो फीसद बच्चे फेल हो गए हैं या उनकी कंपार्टमेंट आई है। इसके लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगवाई जाएंगी, ताकि तैयारी करके वे भी पास हो सकें। सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच में यह कोई प्रतियोगिता नहीं हो रही है, लेकिन सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अब फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों के आइआइटी में दाखिले हो रहे हैं।
897 स्कूलों में 90 फीसद से अधिक बच्चे पास हुए
मनीष सिसोदिया सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूल अब बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षा का यह स्तर मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में ही संभव हो सका है। 2015 में जब आप सरकार बनी थी उस समय 80 से 85 फीसद नतीजे आते थे। पहले कई स्कूलों में 40, 50 फीसद बच्चे ही पास होते थे, जबकि कुछ स्कूल 60 से 70 फीसद का आंकड़ा छू पाते थे, लेकिन इस बार 916 स्कूलों में से 897 स्कूलों में 90 फीसद से अधिक बच्चे पास हुए हैं। इसमें से 396 स्कूलों का परिणाम 100 फीसद रहा है। पिछले साल 203 स्कूलों में 100 फीसद बच्चे पास हुए थे। सिर्फ उत्तीर्ण होने का फीसद ही नहीं, बल्कि बच्चों के नंबर भी मायने रखते हैं। उनका एक क्वालिटी इंडेक्स (क्यूआइ) कहते हैं। यह 2018 में 291 था, पिछले साल 306 और इस साल औसत 341 पहुंच गया है। 21 प्रतिभा विद्यालयों का परिणाम 99.92 फीसद रहा देश में जो स्कूल टॉप पर रहे हैं, उसमें राजकीय प्रतिभा विद्यालय भी शामिल हैं। दिल्ली सरकार के 21 प्रतिभा विद्यालय ऐसे हैं, जिनके नतीजे 99.92 फीसद हैं। दिल्ली सरकार ने स्कूल ऑफ एक्सिलेंस नाम से पांच नए स्कूल शुरू किए थे। इसमें भी 3 स्कूलों में 100 फीसद बच्चे पास हुए हैं। पिछले साल सांध्यकालीन कक्षाओं का लगभग 90 फीसद परिणाम रहा था। इस बार इसमें भी 96.53 फीसद बच्चे पास हुए हैं।