Move to Jagran APP

दिल्ली के विकास और हित के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा जरूरी : केजरीवाल

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फिर दोहराया है कि दिल्ली के विकास और

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 09:40 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 10:52 PM (IST)
दिल्ली के विकास और हित के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा जरूरी : केजरीवाल
दिल्ली के विकास और हित के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा जरूरी : केजरीवाल

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फिर दोहराया है कि दिल्ली के विकास और हित के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा अत्यंत जरूरी है। इसके लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार अपना संघर्ष जारी रखेगी। दिल्ली की जनता को तैयार करेगी और अगले पांच वर्ष में दिल्ली को पूर्ण राज्य का हक दिलाकर रहेगी।

loksabha election banner

केजरीवाल शनिवार शाम पुराना सचिवालय में दिल्ली विधानसभा के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 2 दिसंबर 1993 को मदनलाल खुराना दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने। 14 दिसंबर 1993 कोपहली बैठक हुई। खुराना जी ने यहीं से कहा था कि मेरे पास चपरासी की भर्ती का भी अधिकार नहीं है। यह दिल्ली की पीड़ा थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1950 में संविधान लागू हुआ। उसमें वी द पीपल लिखा है। सरकार को ज्यादा अधिकार देने से विकास होगा, लेकिन बात आजादी की भी है। जनता मालिक है, लेकिन जनता को इससे महरूम रखा गया। 25 साल से सरकार चुनी जा रही है, लेकिन आधी शक्तियों के साथ। अब तो 10 फीसद शक्तियां ही रह गई हैं। दिल्ली के वोट की कीमत 1 रुपये में 10 पैसे क्यों? दिल्ली के लोग सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं। दिल्ली को सेकेंड क्लास सिटीजन का दर्जा क्यों? दिल्ली की जमीन किस चीज के लिए इस्तेमाल हो, इसे दिल्ली की जनता को तय करना था। शुक्रवार को डीडीए की बैठक हुई। स्कूल के लिए चार हजार वर्ग मीटर जगह की जरूरत थी, डीडीए ने 1600 वर्ग मीटर कर दी। बताया जा रहा है वहा पार्किंग बनेगी। यह तो दिल्ली के लोगों के साथ धोखा है।

केजरीवाल ने कहा, पूरी दुनिया में मनीष सिसोदिया की चर्चा है, लेकिन सिसोदिया स्कूल की जगह नही बना सकते। इससे पहले भी डीडीए ने स्कूल की जगह पर भाजपा का दफ्तर बना डाला। हमने 10 अस्पतालों के लिए जगह मागी थी, आज चार साल हो गए हैं लेकिन जमीन नहीं मिली। दिल्ली की जनता अस्पताल चाहती है, स्कूल चाहती है। जमीन की मालिक दिल्ली की जनता है। दिल्ली के वोट की कीमत देनी पड़ेगी।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी अपने वक्तव्य में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लड़ाई जारी रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि 25 साल बाद भी दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री को अपने अधिकारों के लिए अदालत जाना पडता है, यह शर्म की बात है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि कांग्रेस एवं भाजपा ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर सदन ही नहीं बल्कि दिल्ली की जनता का भी अपमान किया है। लालकृष्ण आडवाणी ने पहले हां कर दी जबकि बाद में मना कर दिया। कार्यक्रम के कार्ड में से भी उनका नाम हटवाना पड़ा। क्या यही शिष्टाचार है? गोयल ने अपने वक्तव्य में दिल्ली को सन 1912 में देश की राजधानी बनाए जाने से लेकर दिल्ली विधानसभा के चरणबद्ध विकास पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।

रजत जयंती समारोह में विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला 1983 से 1990 तक दिल्ली महानगर परिषद के अध्यक्ष रहे पुरुषोत्तम गोयल और मदनलाल खुराना सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरशरण सिंह बल्ली सहित दिल्ली सरकार के अनेक कैबिनेट मंत्री, विधायक एवं गणमान्य अतिथि मौजूद थे। हालांकि दो मंत्री सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत सहित कई विधायक समारोह में शामिल नहीं हो पाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.