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फैक्ट्री सील होने से लगा सदमा, उद्यमी की मौत

फैक्ट्री सील होने का सदमा एक उद्यमी बर्दाश्त नहीं कर सके। हार्ट अटैक होने से उनकी मृत्यु हो गई। घटना जगतपुरी इलाके की है। इस घटना से इलाके के लोगों में पुलिस व निगम के प्रति काफी रोष है। कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि फैक्ट्री सील किए जाने के दौरान ही उद्यमी गणोश प्रसाद गुप्ता (55) को हार्ट अटैक आया लेकिन निगम

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 11:16 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 11:16 PM (IST)
फैक्ट्री सील होने से लगा 
सदमा, उद्यमी की मौत
फैक्ट्री सील होने से लगा सदमा, उद्यमी की मौत

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली: फैक्ट्री सील होने का सदमा एक उद्यमी बर्दाश्त नहीं कर सका। सी¨लग के करीब एक घंटे बाद हार्ट अटैक से उद्यमी की मौत हो गई। घटना जगतपुरी इलाके की है। लोगों का आरोप है कि फैक्ट्री सील किए जाने के दौरान ही उद्यमी गणेश प्रसाद गुप्ता (55) को हार्ट अटैक आया, लेकिन निगम अधिकारियों व पुलिस ने उन्हें तड़पता छोड़कर मौके से चले गए। वहीं पुलिस और निगम अधिकारियों का कहना है कि आरोप गलत हैं।

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जगतपुरी के 40 फुटा रोड, गली नंबर-15 में मकान नंबर जी-70/2 के भूतल पर दो मो¨ल्डग मशीनें लगी हुई हैं। यहां बटन लगाने का काम होता है। भूतल पर एक कमरे में फैक्ट्री है और अन्य दोनों कमरे किराये पर हैं। ऊपर की मंजिलों पर गणेश प्रसाद का परिवार रहता है। निगम अधिकारी पुलिस बल के साथ सोमवार दोपहर करीब 12 बजे घर में चल रही फैक्ट्री को सील करने पहुंचे। इस दौरान गणेश प्रसाद और उनके बेटे ने निगम अधिकारियों से आग्रह किया कि वे जल्द ही यहां से मशीनें हटा लेंगे, सी¨लग की कार्रवाई नहीं करें। बेटे ने पिता की तबीयत खराब होने का हवाला भी दिया, लेकिन निगम अधिकारी नहीं पसीजे और उन्होंने दोनों मशीनें सील कर दीं और दूसरी फैक्ट्री में सी¨लग की कार्रवाई करने चले गए। इसके कुछ समय बाद ही गणेश प्रसाद को हार्ट अटैक पड़ा। परिजन उन्हें हेडगेवार अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस हादसे से उद्यमी के परिजनों और आसपास के लोगों में इसे लेकर काफी रोष है। उनका कहना है कि सी¨लग के दौरान ही गणेश प्रसाद की तबीयत खराब हो गई थी और अधिकारियों को बताया भी गया था कि वे हार्ट के मरीज हैं, लेकिन उन्हें दया नहीं आई।

छह महीने पहले नोटिस दिया गया था : उपायुक्त

शाहदरा दक्षिणी जोन के उपायुक्त दीपक ¨शदे कहते हैं कि यह फैक्ट्री प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की श्रेणी में है। इसे सील करने का नोटिस 27 अप्रैल को ही दिया गया था। नोटिस में कहा गया था कि सात दिनों के अंदर फैक्ट्री बंद कर दें, लेकिन छह माह तक ऐसा नहीं किया गया। इसके बाद कार्रवाई की गई। ¨शदे उद्यमी की मौत को दुखद बताते हुए कहते हैं कि जब तक सी¨लग की कार्रवाई हुई, तब तक हार्ट अटैक की घटना नहीं हुई थी। सी¨लग के कागजात पर उनके बेटे के दस्तखत लिए गए थे। इसके बाद उसी इलाके में अन्य जगह पर सी¨लग हुई, फिर निगम अधिकारी भोजन करने चले गए। जब वह दोबारा इलाके में सी¨लग करने जा रहे थे तब इस घटना के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद इलाके में सी¨लग रोक दी गई।


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