सचिव के निलंबन मामले में डीडीसीए को हाई कोर्ट से झटका
स्पोर्ट्स डेस्क के ध्यानार्थ - हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया - डीड
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली :
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के सचिव विनोद तिहारा को निलंबित किए जाने के मामले में हाई कोर्ट से डीडीसीए को करारा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने सचिव के निलंबन पर निचली अदालत द्वारा लगाई रोक को सही ठहराया है। न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली डीडीसीए की याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया। पीठ ने सचिव के निलंबन के फैसले को अवैध करार दिया।
न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने कहा कि अगर आपके पास बहुमत है तब भी आप कानून का दुरुपयोग नहीं कर सकते। पीठ ने कहा कि 12 सदस्य मिलकर एक सचिव को नहीं हटा सकते। जिसने सचिव को नियुक्त किया है, वही सचिव को हटा सकता है। पीठ ने डीडीसीए को कहा कि आपने बहुमत से कानून का दुरुपयोग किया है और अवैध तरीके से सचिव को हटाया है। पीठ ने आदेश दिया कि डीडीसीए सचिव पहले की तरह अपना काम करते रहेंगे और अगर उनके काम में गतिरोध किया गया तो वह अदालत के समक्ष आ सकते हैं। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विनोद तिहारा के अधिवक्ता गौतम दत्ता ने बताया कि मामले में डीडीसीए अध्यक्ष रजत शर्मा को अदालत से यह तीसरा झटका है। इससे पहले तीस हजारी अदालत ने 28 अगस्त व 30 अगस्त को इसी मामले में डीडीसीए के खिलाफ फैसला सुनाया था।
बता दें कि डीडीसीए ने 14 अगस्त को सचिव विनोद तिहारा को संगठन का नाम खराब करने के आरोप में निलंबित कर दिया था। इससे एक महीने पहले ही उन्होंने अपना पदभार संभाला था। तिहारा को निलंबित करने का फैसला एक बैठक में किया गया जिसमें 15 में से 12 सदस्यों ने इसका समर्थन किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने अध्यक्ष रजत शर्मा की कामकाजी शक्तियों को चुनौती दी थी। डीडीसीए के फैसले को विनोद तिहारा ने निचली अदालत में चुनौती दी थी और अदालत ने निलंबन को अटपटे और मनमाने तरीके से की गई कार्रवाई करार देते हुए रोक लगा दी थी। इस फैसले को डीडीसीए ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।