मूल आवंटी को ही प्लॉट देगा अब डीडीए
-एफडीआर खरीदारों के आवेदन पर नहीं किया जाएगा विचार -रोहिणी आवासीय योजना में आगामी ड्र
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
रोहिणी आवासीय योजना-1981 के तहत मूल आवंटियों से फिक्स डिपॉजिट रसीद (एफडीआर) खरीदने वालों के आवेदन पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) अब कोई विचार नहीं करेगा। प्लॉट सिर्फ मूल आवंटियों को ही दिए जाएंगे। इस दिशा में अगला ड्रॉ पांच अक्टूबर को तय किया गया है।
रोहिणी आवासीय योजना 1981 के 14,352 आवेदक ऐसे भी रहे हैं, जिन्हें योजना के करीब तीन दशक बाद भी प्लॉट नहीं मिला। हालांकि केंद्रीय शहरी आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गत वर्ष एक ट्वीट कर भरोसा दिलाया था कि जनवरी 2018 तक डीडीए बचे हुए सभी आवेदकों को प्लॉट आवंटित कर देगा।
जानकारी के अनुसार इतने लंबे समय के दौरान बहुत से मूल आवंटियों ने अपनी एफडीआर बेच भी दी। खरीदारों को उम्मीद थी कि देर-सवेर उन्हें प्लॉट मिल जाएगा, लेकिन अब करीब 37 साल बाद डीडीए ने नोटिस निकाल दिया है कि प्लॉट केवल मूल आवंटी को ही मिलेगा। डीडीए ने एक नोटिस यह भी निकाला है कि पॉकेट सी 2 सेक्टर 37 और पॉकेट सी 1 सेक्टर 38 में चूंकि भूमि अधिग्रहण को लेकर अड़चन है, लिहाजा यहां से जुडे़ आवेदकों को अब पॉकेट बी 1 और बी 4 सेक्टर 37 तथा पॉकेट सी 1 सेक्टर 38 में प्लॉट दिए जाएंगे।
डीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि बचे हुए आवेदकों का अगला ड्रॉ पांच अक्टूबर को डीडीए मुख्यालय विकास सदन स्थित नागरिक सुविधा केंद्र में अपराह्न तीन बजे होगा। इस ड्रॉ में 643 प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। अधिकारी ने यह भी बताया कि रोहिणी योजना के प्लॉट फ्रीहोल्ड कराए बिना दूसरे को नहीं बेचे जा सकते। इसलिए जिन आवंटियों ने अपनी एफडीआर ही बेच दी, उनका दावा स्वत: ही खारिज हो गया।