आवास पर छापे और अवकाश लेने पर विवाद को लेकर DCP ने दिया इस्तीफा, दो अफसरों पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप
एक डीसीपी ने आवास पर छापे और छुट्टी विवाद के बाद इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने दो वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है, जिससे पुलिस विभाग में खलबली मच गई है। डीसीपी ने आवास पर छापे को छवि धूमिल करने और छुट्टी में बाधा को अधिकारों का उल्लंघन बताया है। इस्तीफे से विभाग में तनाव उजागर हुआ है और जांच जारी है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
स्वदेश कुमार, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एक डीसीपी ने अपने दो वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए पुलिस सेवा से त्यागपत्र दे दिया है। गृह मंत्री की सुरक्षा देखने वाले विभाग में डीसीपी के पद पर कार्यरत 2012 बैच के दानिप्स अधिकारी विपुल अनिकेत ने 10 नवंबर को पहले पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा के समक्ष पेश होकर अपनी बात रखी।
इसके बाद उसी दिन अपना त्यागपत्र भेज दिया। उन्होंने त्यागपत्र में कारण व्यक्तिगत लिखा है लेकिन पुलिस आयुक्त के समक्ष उन्होंने लिखित में प्रत्यावेदन दिया है। इसमें दोनों अधिकारियों पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसकी काॅपी दैनिक जागरण के पास मौजूद है।
30 मिनट के भीतर मेडिकल रिपोर्ट मांगी
विपुल अनिकेत ने अपने प्रत्यावेदन में कहा है कि चार नवंबर को उनकी तबियत खराब हो गई थी। इसकी जानकारी उन्होंने अपने एक अधिकारी को दी। उन्होंने 30 मिनट के भीतर मेडिकल रिपोर्ट मांगी। तेज बुखार की स्थिति में भी तुरंत अस्पताल पहुंचकर डाॅक्टर को दिखाया। मेडिकल प्रमाणपत्र बनवाकर उनको भेज दिया लेकिन उन्होंने इसकी प्रमाणिकता पर सवाल उठा दिया।
आवास पर पुलिस ने मारा छापा
इस पर विपुल ने मेडिकल बोर्ड से पुन: परीक्षण कराने पर सहमति देते हुए तत्काल विश्राम की आवश्यकता बताई। विपुल का आरोप है कि आठ नवंबर को दोनों अधिकारियों के निर्देश पर उनके हैदरपुर स्थित सरकारी आवास पर पुलिस की टीम ने छापा मारा। यह काफी दुखदायी था। ऐसा लगा मानों वह हत्या के आरोपित हों।
दुखी हो गए विपुल
उन्होंने छापे का नेतृत्व करने वाले एसीपी से इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्हें मेडिकल बोर्ड से जांच कराने के लिए ले जाने के लिए आए हैं। ताकि चिकित्सकीय अवकाश की सत्यतता की जांच हो सके। विपुल के मुताबिक उन्होंने इसका आदेश वाट्सएप या ईमेल पर भेजने को कहा तो वो नहीं दिया गया। इससे विपुल काफी व्यथित हो गए।
चालक, आपरेटर और वाहन भी लिए वापस
छापे के साथ विपुल को दिए गए चालक, ऑपरेटर और आधिकारिक वाहन भी वापस ले लिए थे। इसके साथ प्रताड़ना के कई अन्य आरोप भी विपुल ने लगाए हैं। उनके पिता मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं।
बेंगलुरू के अस्पताल में पिता के इलाज के लिए उन्होंने 27 दिसंबर से 10 जनवरी अवकाश के लिए आवेदन किया था।
इस आवेदन को 10 दिन लंबित रखा गया। तीन नंबर को फाइल आगे बढ़ाकर उक्त अधिकारी ने फिर से वापस ले लिया। इस तरह से प्रताड़ित होने के कारण उन्होंने सेवा से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया है।
झोला उठाया और चल दिए...
विपुल अनिकेत ने त्यागपत्र देने के बाद अपने वाट्सएप स्टेट्स पर कोटा जाने वाली रोडवेज की बस के साथ अपनी तस्वीर को लगाया। स्टेट्स में लिखा, झोला डठाया और चल दिए, ये भी क्या खूब रही।
दानिप्स अधिकारियों में नाराजगी
विपुल अनिकेत के त्यागपत्र देने से दानिप्स अधिकारियों में नाराजगी है। वे इसे आइपीएस बनाम दानिप्स कैडर के मामले के रूप में देख रहे हैं।
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