आर्मी का जवान बन ओएलएक्स पर ठगी करने वाले को पुलिस ने दबोचा
ओएलएक्स पर आर्मी का जवान बनकर लोगों को ठगने वाले शातिर बदमाश को शाहदरा जिले की साइबर सेल व फर्श बाजार थाना पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। बदमाश की पहचान राजस्थान के भरतपुर के बामनी निवासी अकरम (24) के रूप में हुई है। उसने दो माह के अंदर 79 लाख रुपये ठगकर गांव में जमीन नई कार और ट्रैक्टर तक खरीद लिया। पुलिस ने बदमाश के 15 बैंक और 12 पेटीएम खाते ब्लॉक कर दिए हैं।
-साइबर सेल और फर्श बाजार थाना पुलिस ने राजस्थान से किया गिरफ्तार
-आरोपित दो माह में लोगों से 79 लाख की कर चुका है ठगी जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : ओएलएक्स पर आर्मी का जवान बनकर लोगों को ठगने वाले शातिर बदमाश को शाहदरा जिले की साइबर सेल व फर्श बाजार थाना पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। बदमाश की पहचान राजस्थान के भरतपुर के बामनी निवासी अकरम (24) के रूप में हुई है। उसने दो माह के अंदर 79 लाख रुपये ठगकर गांव में जमीन, नई कार और ट्रैक्टर तक खरीद लिया। पुलिस ने बदमाश के 15 बैंक और 12 पेटीएम खाते ब्लॉक कर दिए हैं।
शाहदरा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिखा तिवारी नामक की अधिवक्ता से कुछ समय पहले ठगी हुई थी। पीड़िता ने ओएलएक्स पर एक आर्मी के जवान की प्रोफाइल देखकर उसकी पुरानी बुलेट बाइक खरीदने की इच्छा जाहिर की थी।
आरोपित ने अपना नाम दीपक कपूर बताया और बुलेट एक लाख 30 हजार में देने की बात कही। आरोपित ने पीड़िता का भरोसा जीतने के लिए आर्मी के जवान के आइकार्ड की कॉपी और गाड़ी के कागज उसे वाट्सएप कर दिए। इसके बाद आरोपित ने पीड़िता से सारी रकम अपने पेटीएम नंबर पर मंगवा ली। पीड़िता के रकम भेजने के बाद आरोपित ने अपना फोन बंद कर लिया। पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने जांच के लिए एसआइ राहुल, एसआइ अशोक, हेड कांस्टेबल मोहित मलिक और विकास व मोनिका, दीपशिखा की टीम बनाई। टीम ने पेटीएम खाते की जांच की तो पता चला कि वह बामनी गांव के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर है और उसके अलग अलग पेटीएम खाते में रकम भेजी गई है। पुलिस ने राजस्थान जाकर अकरम को दबोच लिया। उसने अधिवक्ता के साथ ठगी करने की बात कुबूल कर ली। आर्मी का जवान बनकर करता था ठगी
पूछताछ में अकरम ने पुलिस को बताया कि उसने आसिफ नामक युवक एक एक्टिवेटेड पेटीएम वॉलेट व आर्मी के जवान का फर्जी आइकार्ड खरीदा था। उसके बाद उसने ओएलएक्स पर आर्मी का जवान बनकर एक अकाउंट बनाया और कार, बाइक व मोबाइल की फोटो अपलोड कर दी। उसने सभी सामान की कीमत इतनी कम रखी की लोग खरीदने पर मजबूर हो जाएं। जब लोग उसके झांसे में आ जाते थे तो वह उन्हें वाट्सएप नंबर पर आइकार्ड की फोटो और नकली कागजात भेज देता था। पेटीएम पर पैसा मंगवाकर अपना फोन बंद कर लेता था। गांव के आसपास रहने वाले अधिकतर लोग करते हैं ठगी
अकरम ने पुलिस को बताया कि उसके गांव व आसपास के गांव में अधिकतर लोग ऑनलाइन ठगी करते हैं। आरोपित का दावा है कि करीब 200 लोग इस तरह के कार्य में लिप्त हैं। उसने बताया कि पांच से 12 लोगों की टीम सोमवार से शुक्रवार तक ठगी करती है। शनिवार और रविवार को अलग टीम लोगों को ठगती है।