चूड़ी बेचने की आड़ में करता था हेरोइन की तस्करी, गिरफ्तार
तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेद दिया। जेल में उसकी मुलाकात कुख्यात ड्रग तस्कर बिशन सिंह उर्फ नतिया उर्फ अनिल गोयलवास से हुई। 2017 में बेटी की शादी के बहाने वह पैरोल पर जेल से बाहर आया और उसके बाद पैरोल जंप कर गया। पैरोल जंप करने के बाद इसने अपना नाम व मोबाइल नंबर बदल जहां तहां छिपकर रहते हुए फिर से तस्करी का धंधा शुरू कर दिया। इसने लोगों से बातचीत करना बंद कर दिया। लेकिन बिशन सिंह के साथ मिलकर तस्करी के धंधे करता रहा।
फिरोजाबाद के ध्यानार्थ
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : चूड़ी बेचने की आड़ में हेरोइन की तस्करी करने वाले एक कुख्यात तस्कर को गिरफ्तार कर क्राइम ब्रांच के नारकोटिक्स सेल ने एक बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया है। तस्कर की पहचान जावेद उर्फ सोनू उर्फ सुलेमानी भाईजान के रूप में की गई है। उसके खिलाफ पहले से हेरोइन तस्करी के चार मामले दर्ज हैं। उसके पास से उच्च गुणवत्ता वाली एक किलो हेरोइन व तस्करी में इस्तेमाल स्कूटी बरामद की गई है।
डीसीपी क्राइम ब्रांच राकेश पावरिया ने बाताया कि जावेद मूलरूप से फिरोजाबाद का रहने वाला है। दिल्ली में वजीराबाद स्थित जगतपुर और चांदबाद में किराये के कमरे में रहकर वह तस्करी का धंधा करता था। उसने दो शादियां कर रखी हैं। तस्करी के एक मामले में कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था। पुलिस से बचने के लिए उसने अपने कई उपनाम रखे हुए थे। कुछ समय पहले जावेद व उसके सरगना बिशन सिंह उर्फ नतिया उर्फ अनिल गोयलवास को नारकोटिक्स सेल ने 2.5 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। जावेद अलग-अलग नामों से तस्करी का धंधा करता था। नारकोटिक्स सेल को सूचना मिली कि जावेद हेरोइन की खेप लेकर पुस्ता रोड, झड़ोदा गांव के पास किसी को आपूर्ति करने आने वाला है। नारकोटिक्स सेल ने वहां से जावेद को दबोच लिया। स्कूटी की डिग्गी से एक किलो हेरोइन बरामद हुई।
पूछताछ से पता चला कि वह फिरोजाबाद का रहने वाला है और चूड़ियां बेचकर जीवन यापन करता था। अपने काम को विस्तार करने के लिए वह दिल्ली आया था। यहां सबसे पहले वह श्रीराम कॉलोनी, कच्ची खजूरी इलाके में रहा। यहां उसकी मकान मालकिन ड्रग्स बेचने का धंधा करती थी। 1999 में महिला ने जावेद को भी जल्द अत्यधिक पैसा कमाने के लिए ड्रग्स के धंधे में जुड़ने के लिए प्रेरित किया जिससे उसने महिला के लिए कैरियर का काम करना शुरू कर दिया। उस दौरान जावेद की पहली शादी हुई थी। 2002 में पुलिस ने उसे तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। 2006 में जेल से बाहर आने के बाद उसने एक अन्य युवती से दूसरी शादी कर ली। जेल से बाहर आने पर कुछ दिनों तक वह शांत रहा लेकिन दोबारा वजीराबाद व चांदबाग में दो घर लेकर वहां दोनों पत्नियों के साथ छिपकर रहते हुए तस्करी का धंधा शुरू कर दिया। 2015 में क्राइम ब्रांच ने दोबारा जावेद को तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेद दिया। जेल में उसकी मुलाकात कुख्यात ड्रग तस्कर बिशन सिंह उर्फ नतिया उर्फ अनिल गोयलवास से हुई। 2017 में बेटी की शादी के बहाने वह पैरोल पर जेल से बाहर आया और उसके बाद पैरोल जंप कर गया। पैरोल जंप करने के बाद उसने अपना नाम व मोबाइल नंबर बदल लिया व जहां-तहां छिपकर रहते हुए फिर से तस्करी का धंधा शुरू कर दिया। उसने लोगों से बातचीत करना बंद कर दिया, लेकिन बिशन सिंह के साथ मिलकर तस्करी के धंधे करता रहा।