जवाब देने को समय चाहिए तो 16 हजार पौधे लगाओ : हाई कोर्ट
टूजी घोटाला मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) की चुनौती याचिका पर सुनवाई के दौरान जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगने पर हाई कोर्ट ने अपनी तरह का एक अलग आदेश दिया। समय मांगने पर न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने कुछ पक्षकारों एवं तीन फर्म को जबाब दाखिल करने का अंतिम मौका देते हुए 16
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : टूजी घोटाला मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की चुनौती याचिका पर सुनवाई के दौरान जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगने पर हाई कोर्ट ने अपनी तरह का एक अलग आदेश दिया। समय मांगने पर न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने कुछ पक्षकारों एवं तीन फर्म को जबाब दाखिल करने का अंतिम मौका देते हुए 16 हजार से अधिक पौधे लगाने का जुर्माना लगाया।
पीठ ने स्वान टेलीकॉम प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा, वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव अग्रवाल, डायनैमिक रियलिटी, डीबी रियलिटी लिमिटेड एवं निहार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को भी 3-3 हजार पौधे लगाने के आदेश दिए। पीठ ने कहा कि उक्त सभी पेड़ दक्षिण दिल्ली के जंगल में लगाए जाएंगे। मामले में अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने कहा कि अक्टूबर 2018 में पीठ ने जवाब दाखिल करने को कहा था, लेकिन तीन माह का समय बीतने के बाद भी कुछ पक्षकारों ने अब तक जवाब नहीं दाखिल किया है। साथ ही पीठ ने ए राजा के पूर्व निजी सचिव आरके चंदौलिया को 300 पौधे और कुसेगांव फ्रूट्स के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल को दक्षिण दिल्ली में 500-500 पौधे लगाने के आदेश दिए। साथ ही पीठ ने कहा कि सभी व्यक्तिगत पक्षकार 15 फरवरी को उप वन संरक्षण (दक्षिण) के समक्ष पेश हों। कंपनियां अपने अधोहस्ताक्षरित के माध्यम से पेश होंगी। सुनवाई के दौरान सीबीआइ और ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जुर्माना लगाने का यह तरीका अच्छा है। वहीं शाहिद बलवा एवं आसिफ बलवा समेत अन्य की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि इसका अनुपालन किया जाएगा।
मानसून तक करनी होगी पौधों की देखभाल : पीठ ने आदेश दिया कि लगाए जाने वाले पौधे अलग-अलग प्रजाति के होने चाहिए और इनकी आयु नर्सरी के हिसाब से साढ़े तीन साल होनी चाहिए। साथ ही पेड़ की लंबाई छह फीट से कम नहीं होनी चाहिए। इतना ही नहीं सभी पक्षकारों एवं फर्मों द्वारा लगाए जाने वाले पौधों की उन्हें अगले मानसून की बारिश तक देखभाल भी करनी होगी।
न्यायमूर्ति अब तक लगावा चुके हैं 39 हजार पौधे : सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने बताया कि अगल-अलग मामलों में सजा के तौर पर अब तक वह 39 हजार पौधे लगवा चुके हैं। ताकि इस माध्यम से जंगल के इलाके को पुनर्जीवित किया जा सके। यह था मामला
सीबीआइ द्वारा दर्ज किए गए टूजी घोटाला मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा एवं राज्य सभा सदस्य कनीमोझी समेत सभी 17 आरोपितों को को बरी कर दिया था। वहीं ईडी द्वारा दर्ज किए गए मनी लां¨ड्रग मामले में डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल, विनोद गोएनका, आसिफ बलवा, फिल्म प्रोड्यूसर करीम मोरानी, पी. अमृथम, कलाईग्नर टीवी के निदेशक शरद कुमार को बरी किया गया था। निचली अदालत के फैसले को सीबीआइ एवं ईडी ने मार्च माह में हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।