उमर को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन के जवाब पर कोर्ट ने जताई हैरानी
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जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : दिल्ली दंगे में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) में गिरफ्तार उमर खालिद और शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत कड़कड़डूृमा कोर्ट ने शुक्रवार को 20 नवंबर तक बढ़ा दी है। बृहस्पतिवार को उमर खालिद ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से शिकायत की थी कि जेल की सेल में उसे 24 घंटे बंधक बनाकर रखा जाता है, बाहर नहीं निकलने दिया जाता। इस पर जेल प्रशासन ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि उसे ऐसी सेल में रखा गया है जहां से वह आस पास की चहल-कदमी देख सकता है। जेल प्रशासन के जवाब पर कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि जवाब बड़ा ही विचित्र और अजीब है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की कोर्ट ने इस तरह के जवाब पर जेल प्रशासन को जमकर फटकार भी लगाई। प्रशासन ने अपने जवाब में कहा है कि जहां पर उमर को रखा गया है, उसके आसपास कई सेल हैं। उमर अपनी सेल से उन लोगों को देख सकता है। जो सुविधाएं दूसरे कैदियों को दी जाती हैं, वह उमर को भी दी जा रही हैं। कोर्ट ने जेल अधीक्षक से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि नियम के अनुसार उमर को सेल से बाहर आने दिया जाए, बाकी कैदियों से बातचीत भी करने दिया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रशासन को चेताया कि भविष्य में इस तरह की शिकायत कोर्ट में नहीं आनी चाहिए। उमर के वकील ने कहा कि क्या उनका मुवक्किल चिड़ियाघर में बंद जानवर की तरह है, जिसे पिजरे में बंद किया हुआ है, ताकि वह अपनी जगह से हिल न सके। बस लोगों को देख सके और दूसरे उसे देख सकें। इस पर अधीक्षक ने कहा कि उनके जवाब का यह अर्थ नहीं था। सुरक्षा कारणों से उमर को उस सेल में रखा गया है। इस बात का ख्याल रखा गया है कि वह अपने आसपास होने वाली गतिविधि को देख सके। जेल प्रशासन ने उन आरोपों को खारिज किया जो बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान उमर की ओर से लगाए गए थे। जेल प्रशासन ने उसकी बात परिवार व वकील से भी करवाई है। उसके स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यहां बता दें कि उमर ने कोर्ट में 17 अक्टूबर को एक याचिका दायर कर जेल में सुरक्षा मुहैया करवाने की गुहार लगाई थी। इस पर कोर्ट ने जेल प्रशासन को उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा था।