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ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दंपती लोगों को योग कराकर रख रहे स्वस्थ

वो कहते है न जहां चाह है वहीं राह है.. लॉकडाउन ने प्रत्येक काम को फिर चाहे वह स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई हो या फिर वेबिनार और मीटिग सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आयोजित हो रहे है। इन सब के बाद धीरे-धीरे दूसरे जरूरी काम जैसे योग भी अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है। द्वारका सेक्टर-7 निवासी डॉ. रजनी वर्मा और उनके पति विनीत वर्मा जूम एप पर रोजाना सुबह सात से आठ लोगों के लिए योग की कक्षा आयोजित करते है। जिससे वे स्वस्थ रहे और कोरोना को मात देने के लिए उनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सके। डॉ. रजनी वर्मा बताती हैं कि वे और उनके पति काफी समय से पंतजलि से जुड़े हुए है और पार्क में लोगों को योग और प्राणायाम सिखाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 10:58 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:05 AM (IST)
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दंपती लोगों को योग कराकर रख रहे स्वस्थ
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दंपती लोगों को योग कराकर रख रहे स्वस्थ

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : वो कहते हैं न जहां चाह है, वहीं राह है.. लॉकडाउन ने प्रत्येक काम को फिर चाहे वह स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई हो या फिर वेबिनार और मीटिग, सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ला खड़ा किया है। इन सब के बाद धीरे-धीरे दूसरे जरूरी काम जैसे योग भी अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है। द्वारका सेक्टर-7 निवासी डॉ. रजनी वर्मा और उनके पति विनीत वर्मा जूम एप पर रोजाना सुबह सात से आठ लोगों के लिए योग की कक्षा आयोजित करते है। जिससे वे स्वस्थ रहे और कोरोना को मात देने के लिए उनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सके।

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डॉ. रजनी वर्मा बताती हैं कि वे और उनके पति काफी समय से पतंजलि से जुड़े हुए है और पार्क में लोगों को योग और प्राणायाम सिखाते हैं। लॉकडाउन के चलते पार्क बंद हो गए और लोगों के घर से निकलने पर भी रोक लगा दी गई। चिकित्सक होने के नाते हम दोनों योग के महत्व को काफी समझते है, इसलिए हमने घर पर ही योग करना शुरू कर दिया। जब ये बात हमने अपने दोस्तों व जानकारों से साझा की तो उन्होंने इसे काफी सराहा और हमारे जुड़ने का विचार रखा। काफी गहन मंथन के बाद हमने सोचा जब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वेबिनार हो सकते है तो योग भी किया जा सकता है। हम लोगों ने तुरंत जूम पर आइडी बनाई। जिसके बाद लॉकडाउन फेज-1, 2,3 और 4 के दौरान जूम पर ही सुबह सात बजे से आठ बजे तक योग की कक्षा आयोजित कर रहे है। जिसमें भस्त्रिका प्राणायाम, कपालभाती, अनुलोम-विलोम व भ्रामरी प्राणायाम नियमित रूप से करवाए जाते है, क्योंकि कोरोना को हराने में ये चारों प्राणायाम काफी लाभदायक है। डॉ. रजनी बताती हैं कि जूम पर उनके साथ करीब दस दंपत्ति जुड़े हुए है। परिवार के अन्य सदस्य भी जब फ्री होते है तो वे भी ऑनलाइन योग कर लेते है। खास बात एक तरफ जहां यह बात सामने आ रही है कि लॉकडाउन के दौरान घर में रहने से लोगों में तनाव, अपच व एसिडिटी की समस्या बढ़ गई है, वहीं दूसरी तरफ योग करने से लोग इन समस्याओं से काफी हद तक दूर है। लोग खुश है और स्वस्थ है। कोरोना को मात देने के लिए प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत जरूरी है और योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाकर लोग इस दिशा में काम कर रहे है। योग दिवस की तैयारी शुरू

21 जून को योग दिवस है। कोरोना वायरस के चलते इस बार मौके पर क्या होगा, यह कहना फिलहाल मुमकिन नहीं है, लेकिन डॉ. रजनी और डॉ. विनीत ने योग दिवस पर जिस प्रोटोकॉल के अनुसार योग किया जाता है, उसकी तैयारी शुरू कर दी है। लोग भी बड़े उत्साह के साथ प्रोटोकॉल युक्त योग को सीखने में रुचि दिखा रहे हैं।


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