Move to Jagran APP

Delhi: दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच होते रहे पत्राचार, पानी के लिए तरसते रहे लोग; अमोनिया की समस्या बरकरार

पानी की किल्लत को लेकर दिल्ली सरकार के जल बोर्ड और हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग के बीच अक्सर पत्राचार होता रहता है। पिछले एक वर्ष में ही जल बोर्ड ने हरियाणा के सिंचाई विभाग को करीब 10 बार पत्र लिखकर पेयजल की समस्या की तरफ ध्यान आकर्षित कराया है।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaPublished: Tue, 24 Jan 2023 09:57 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 09:57 PM (IST)
Delhi: दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच होते रहे पत्राचार, पानी के लिए तरसते रहे लोग; अमोनिया की समस्या बरकरार
अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण जल बोर्ड ने यमुना से पानी उठाना कम कर दिया है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। यमुना में कभी अमोनिया का स्तर बढ़ने तो कभी जल स्तर घटने को लेकर दिल्ली सरकार के जल बोर्ड और हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग के बीच अक्सर पत्राचार होता रहता है। पिछले एक वर्ष में ही जल बोर्ड ने हरियाणा के सिंचाई विभाग को करीब 10 बार पत्र लिखकर अमोनिया और पेयजल किल्लत की समस्या की तरफ ध्यान आकर्षित करा चुका है।

loksabha election banner

जवाब में हरियाणा सरकार दिल्ली जल बोर्ड को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर देती है। इस बीच यमुना में अमोनिया का स्तर जल शोधन संयंत्रों की शोधन क्षमता से तीन गुना से ज्यादा होने के कारण वजीराबाद व चंद्रावल इन दो जल शोधन संयंत्रों से 50 प्रतिशत तक पानी आपूर्ति कम हो गई है।

इन इलाकों में रही पानी की किल्लत

हैदरपुर जल शोधन संयंत्र से भी पानी आपूर्ति पर असर पड़ा है। इस वजह से उत्तरी, मध्यम, दक्षिणी, पश्चिमी दिल्ली, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित रही। इस वजह से लोगों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ा।

यमुना में अमोनिया के मामले पर 23 जनवरी को ही जल बोर्ड ने हरियाणा के सिंचाई विभाग को पत्र लिखा है। पिछले माह 12 दिसंबर को भी पत्र लिखा था। जल बोर्ड के अनुसार हरियाणा के इलाके में डीडी-8 व कुछ अन्य नालों में बगैर शोधन के सीवरेज का पानी गिराए जाने के कारण दिल्ली में वजीराबाद के पास यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ा है।

जल बोर्ड के अधिकारी कहते हैं कि इस बार यमुना में अमोनिया की यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। लेकिन हरियाणा से यमुना में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। मंगलवार को यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर करीब 3.4 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) पाया गया। इसके एक दिन पहले अमोनिया का स्तर 3.5 पीपीएम था।

मूनक नहर का पानी मिलाकर हो रही आपूर्ति

अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण जल बोर्ड ने यमुना से पानी उठाना कम कर दिया है। हैदरपुर जल शोधन संयंत्र से वजीराबाद जल शोधन संयंत्र के बीच एक पाइप लाइन बिछाई गई है। पाइप लाइन से मूनक नहर का पानी वजीराबाद में ले जाकर यमुना के पानी में मिलाकर शोधित किया जा रहा है। इसलिए वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधन संयंत्र से करीब 50 प्रतिशत पानी आपूर्ति हो पा रही है। इन दोनों संयंत्रों से सामान्य दिनों में करीब 210 एमजीडी पानी आपूर्ति होती है।

हर वर्ष होती है अमोनिया की समस्या

यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने की समस्या हर वर्ष होती है। पिछले वर्ष अप्रैल के मध्यम में भी अमोनिया बढ़ने की समस्या हुई थी। तब जल बोर्ड ने हरियाणा को पत्र लिखा है। इसके बाद यमुना का जल स्तर भी घट गया था। इस वजह से पिछले वर्ष मई से जून के पहले सप्ताह के बीच जल बोर्ड ने हरियाणा को सात बार पत्र लिखे थे। नवंबर 2021 में भी यमुना में अमोनिया बढ़ने पर जल बोर्ड ने हरियाणा को सूचित किया था।

इस मामले पर हरियाणा सरकार के मंत्री और दक्षिण हरियाणा स्वच्छ जल आपूर्ति समिति के चेयरमैन मूलचंद शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार का यह पुराना राग है। जब भी दिल्ली में पानी की दिक्कत होती है । हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया जाता है। यमुना में अमोनिया के इस मामले को हम चेक करा लेते हैं। हमारी तरफ से दिल्ली को साफ पानी छोड़ा जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.