गरीब और बेसहारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटीं चेतना
कोरोना से पहले और कोरोना संकट के समय हर परिस्थिति में गरीबों की मदद के लिए बढ़ चढ़कर कार्य करने में जुटी रहीं चेतना नागर लगातार समाजसेवा का कार्य कर रही हैं।
नमो देव्यै महा देव्यै- सिलाई, ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण देकर महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर
फोटो-20डीईएल707 राहुल चौहान, नई दिल्ली
गरीब और बेसहारा महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होकर समाज में अपनी पहचान बना सकें, इसके लिए चेतना नागर ने एक मुहिम छेड़ी है। करोल बाग के मानकपुरा में रहने वाली चेतना करीब 16 वर्षों से महिलाओं को विभिन्न रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही हैं। चेतना की मदद से अब तक 20 से ज्यादा महिलाएं अपना सिलाई सेंटर और ब्यूटी पार्लर खोलकर घर का खर्च चला रही हैं। चेतना कहती हैं कि उनका उद्देश्य उन महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का रहता है जो मेहनती होने के बाद भी जानकारी के अभाव में गरीबी में जी रही होती हैं। इसके साथ ही गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को भी रोजगारपरक प्रशिक्षण देती हैं।
चेतना का कहना है कि वह खुद एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं। वह मध्यमवर्गीय महिलाओं की परेशानियों को अच्छी तरह समझती हैं। इसलिए उन्होंने अपने मोहल्ले की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर मध्यमवर्गीय अभावग्रस्त, गरीब और बेसहारा महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कार्य शुरू किया। उनका कहना है कि एक महिला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के बाद ही सम्मानजनकजीवन जी सकती है । वहीं कोरोना संकट में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए महिलाओं को योग के प्रति जागरूक करने के लिए वह अजमल खां पार्क में सुबह एक घंटे योग भी सिखाती हैं।