आप से नहीं हो रही 'सुलह', कांग्रेस में बढ़ गई कलह
आम आदमी पार्टी से गठबंधन पर असमंजस के बीच प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि कलह का असर अब प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ-साथ जिला कांग्रेस कमेटियों में भी साफ नजर आने लगा है। इसकी एक बानगी मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में हुई जिला स्तरीय बैठक में भी दिखाई दी। हालांकि सामने आ जाने के बाद कलह को दबाने का भी भरसक प्रयास किया गया।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी से गठबंधन पर असमंजस के बीच प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि कलह का असर अब प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ-साथ जिला कांग्रेस कमेटियों में भी साफ नजर आने लगा है। इसकी एक बानगी मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में हुई जिला स्तरीय बैठक में भी दिखाई दी।
दरअसल, राजीव भवन में लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम की पांच जिला कांग्रेस कमेटियों- आदर्श नगर, चांदनी चौक, रोहिणी, किराड़ी और करोल बाग की बैठक रखी गई थी। इस दौरान प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने गठबंधन के खिलाफ एक प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव का मजमून यह था कि, हम प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस को मजबूत करेंगे, दिल्ली की सातों सीटें जीतेंगे। कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है। आम आदमी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए।
जब इस प्रस्ताव पर जिला अध्यक्षों और नगर निगम के नेताओं से हस्ताक्षर कराने की बात आई तो कइयों ने इसका विरोध कर दिया। विरोध जताने वाले जिला अध्यक्षों और निगम नेताओं का कहना था कि वह पहले ही गठबंधन को लेकर एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करके दिल्ली प्रभारी पीसी चाको को दे चुके हैं। अब एक और प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता। साथ ही यह तर्क भी रखा गया कि जब सोमवार को ही पार्टी आलाकमान राहुल गांधी के घर पर गठबंधन को लेकर प्रमुख नेताओं की बैठक हुई है और अंतिम निर्णय भी राहुल गांधी पर छोड़ दिया गया है, स्वयं शीला दीक्षित भी यही बयान दे रही हैं तो अब इस तरह का प्रस्ताव को रखना कार्यकर्ताओं को भ्रमित करने के सिवाए और कुछ नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक इस विरोध के सामने आने पर बैठक में यह भी कहा गया कि जो लोग गठबंधन के पक्ष में हैं, उनके लिए कांग्रेस से बाहर जाने के दरवाजे खुले हुए हैं। नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कई जिला अध्यक्षों और नगर निगम के नेताओं ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। हालांकि जब इस मसले पर लिलोठिया से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं प्रदेश प्रवक्ता जितेंद्र कोचर ने इस घटनाक्रम से पूर्णतया अनभिज्ञता जाहिर कर अपना पल्ला झाड़ लिया।