खोखली हो गई पुरानी दिल्ली की दीवार
उचित देखभाल न होने के कारण पुरानी दिल्ली की संरक्षित सिटी वॉल (शहर की दीवार) खोखली हो गई है। यह कभी भी भर-भराकर गिर सकती है। कश्मीरी गेट से मोरी गेट तक करीब 1.5 किमी लंबी इस दीवार की बीच की ईटें कई स्थानों से गायब हो गई हैं। कहीं-कहीं नीचे से पूरी ईटें ही गायब हो चुकी हैं, जिससे 20 फिट ऊंची यह दीवार कभी भी गिर सकती है और इससे जान-माल की हानि हो सकती है।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली
उचित देखभाल न होने के कारण पुरानी दिल्ली की संरक्षित सिटी वॉल (शहर की दीवार) खोखली हो गई है। यह कभी भी भर-भराकर गिर सकती है। कश्मीरी गेट से मोरी गेट तक करीब 1.5 किमी लंबी इस दीवार की बीच की ईटें कई स्थानों से गायब हो गई हैं। कहीं-कहीं नीचे से पूरी ईटें ही गायब हो चुकी हैं, जिससे 20 फिट ऊंची यह दीवार कभी भी गिर सकती है और इससे जान-माल की हानि हो सकती है। जानकारों के मुताबिक, 400 साल पुरानी इस दीवार का निर्माण मुगलकाल में हुआ था। बादशाह शाहजहां ने इसका निर्माण करवाया था। शाहजहां ने आगरा की जगह दिल्ली को मुगल साम्राज्य की राजधानी बनाया था, तब दुश्मनों के आक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए शहर के चारों ओर ऊंची इन दीवारों का निर्माण कराया गया था। अब इसके संरक्षण का दायित्व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के हाथों में है।
इसके साथ में कश्मीरी गेट व मोरी गेट मार्केट है, जिसमें 30 हजार से अधिक दुकानें है। वहीं दीवार के दूसरी तरफ पार्किंग स्थल है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, दशकों से यह उपेक्षित है। इस कारण इसकी यह हालत हुई है। देखभाल के अभाव में इसके कई तहखाने डलाव घर में तब्दील हो गए हैं। कई में नशेड़ियों का कब्जा रहता है। इस कारण कई तहखानों को ईटों से भर दिया गया है। वहीं, कई स्थानों पर दीवार से ईटें चोरी हो गई हैं। इसलिए इसके गिरने का खतरा बना रहता है। इस बीच इन खाली स्थानों पर वाहनों की पार्किंग भी होने लगी है। इस बारे में एएसआइ के प्रवक्ता डॉ. डीएन डिमरी ने कहा कि इस मामले की उनको जानकारी नहीं है। क्षेत्रीय अधिकारियों से बात कर इस मामले को दिखवाएंगे।