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देसी डब्बे में बेची जा रही हैं चीन निर्मित बिजली की लड़ियां

दीपावली पर्व पर घरों को सजाने के लिए बिजली की लड़ियां खरीदने अगर भागीरथ पैलेस या सदर बाजार जा रहे हैं तो सावधान रहें। यहां देसी डब्बे में स्वदेशी उत्पाद बताकर चीन निर्मित लड़ियों को बेचा जा रहा है। यह जालसाजी खूब हो रही है। कोरोना के साथ ही बार्डर पर चीन द्वारा भारतीय सैनिकों पर कायराना हमले से उपजे आक्रोश से खरीदारों में चीन के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है। चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम चल रही है उसमें कुछ दुकानदार जालसाजी कर चीन के उत्पाद को खपाने की जुगत में है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 10:45 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 10:45 PM (IST)
देसी डब्बे में बेची जा रही हैं चीन निर्मित बिजली की लड़ियां
देसी डब्बे में बेची जा रही हैं चीन निर्मित बिजली की लड़ियां

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली

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दीपावली पर्व पर घरों को सजाने के लिए बिजली की लड़ियां खरीदने अगर भागीरथ पैलेस या सदर बाजार जा रहे हैं तो सावधान रहें। यहां देसी डब्बे में स्वदेशी उत्पाद बताकर चीन निर्मित लड़ियों को बेचा जा रहा है। यह जालसाजी खूब हो रही है। कोरोना के साथ ही बार्डर पर चीन द्वारा भारतीय सैनिकों पर कायराना हमले से उपजे आक्रोश से खरीदारों में चीन के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है। चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम चल रही है, उसमें कुछ दुकानदार जालसाजी कर चीन के उत्पाद को खपाने की जुगत में है।

इन डिब्बों पर 'मेरा भारत महान' या 'मेक इन इंडिया' लिखा हुआ है, जिससे कि लोग आसानी से भ्रमित हो जाएं। ये उत्पाद 40 रुपये से लेकर 300 रुपये तक में बेचे जा रहे हैं। एक दुकानदार ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि चीन से आयातित मांग बंदरगाहों से दिल्ली आता है। फिर इसकी पैकिग यहीं होती है, फिर इसे देसी उत्पाद बताकर बेचा जा रहा है। स्वदेशी उत्पादों की मुहिम चलाने वाले कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) दिल्ली के महासचिव देवराज बवेजा इस पर चिता जताते हुए कहते हैं कि इस पर सरकारी एजेंसियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वैसे, अब संगठन द्वारा भी इस तरह लोगों के साथ जालसाजी न हो इसे लेकर अभियान चलाया जाएगा।

दीपावली नजदीक आते ही भागीरथ पैलेस के इलेक्ट्रानिक्स बाजार में बिजली की लड़ियां बेची जाती हैं। यहां से उत्पाद दूसरे राज्यों में भी भेजे जाते हैं। इसी तरह सदर बाजार में भी इसका बड़ा काम है। बाजार के जानकारों के मुताबिक अकेले दिल्ली में दीपावली पर बिजली की लड़ियों का 700 से एक हजार करोड़ रुपये तक का कारोबार है। कुछ साल पहले तक इसका पूरा हिस्सा चीनी उत्पादों के खाते में था। जब से चीन के उत्पादों के खिलाफ यहां के उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ी है, उसमें देसी उत्पादों की धमक भी बढ़ने लगी है। इस वर्ष और ज्यादा तल्खी है। इसलिए इस बार चीन से उत्पाद ही काफी कम मंगाए गए हैं। पिछले वर्ष के माल को खपाने की कोशिश की जा रही है। एक दुकानदार मुकेश ने कहा कि इस वर्ष मुश्किल से 30 फीसद ही माल चीन से आया है। बाकि पिछले वर्ष का बचा माल बेचने की कोशिश है। इसलिए दाम और घटा दिए गए हैं।

वैसे, अच्छी बात यह है कि इस बार बाजार में चीनी उत्पादों का विकल्प मौजूद है। कुछ दुकानदार केवल स्वदेशी उत्पाद ही बेच रहे हैं। इसी तरह खरीदार भी स्वदेशी पर खासा जोर दे रहे हैं, जिसे भागीरथ पैलेस का कारोबारी संगठन अच्छा संकेत मानता है। भागीरथ पैलेस में ही संजीव कुमार 'मेक इन इंडिया' का लोगो लगाकर उत्साहित भाव से देसी झालरों को बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना के चलते मांग कम है, फिर भी भारतीय उत्पादों की मांग अच्छी है। लोग विशेषकर इसलिए उनकी दुकान पर आ रहे हैं। उनके यहां झालर से लेकर कागज से बने लैंप हैं, जिनकी कीमत 150 रुपये से लेकर 500 रुपये तक में है। दिल्ली इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा कहते हैं कि इस बार बाजार में देसी उत्पाद बिक रहे हैं। इनकी गुणवत्ता अच्छी है। यह भविष्य के लिए शुभ संकेत है।


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