Move to Jagran APP

ठगों ने फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय खोला, लगाया करोड़ों का चूना

दिल्ली के एक व्यवसायी को मध्य प्रदेश के भोपाल में फर्जी तरीके से 110 एकड़ कृषि योग्य जमीन बेच उनसे 1.25 करोड़ रुपये वसूलने वाले तीन ठग को क्राइम ब्रांच ने चार साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के तीन सदस्यों को मंगोलपुरी थाना पुलिस पहले गिरफ्तार कर चुकी है। फरार तीनों ठगों पर पुलिस आयुक्त ने 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 10:36 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 10:36 PM (IST)
ठगों ने फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय 
खोला, लगाया करोड़ों का चूना
ठगों ने फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय खोला, लगाया करोड़ों का चूना

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली

loksabha election banner

दिल्ली के एक कारोबारी को मध्य प्रदेश के भोपाल में फर्जी तरीके से 110 एकड़ कृषि योग्य जमीन बेचकर 1.25 करोड़ रुपये वसूलने वाले तीन ठगों को क्राइम ब्रांच ने आखिरकार चार साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने उन पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। ठग इतने शातिर थे कि उन्होंने भोपाल में फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय भी खोल लिया था।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर राजीव रंजन ने बताया कि गिरफ्तार किए गए ठगों के नाम कपिल शर्मा, सतीश मकोरे व बीरम ¨सह राजपूत हैं। तीनों भोपाल (मध्य प्रदेश) के रहने वाले हैं। 12 फरवरी को इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार ¨सह को सूचना मिली कि कपिल, सतीश व बीरम मंगोलपुरी के एक फर्जीवाड़े के केस में वांछित हैं और भोपाल में छिपे हैं। इसके बाद डीसीपी राजेश देव व एसीपी संदीप लांबा के नेतृत्व में टीम गठित की गई। पुलिस टीम ने 14 फरवरी को भोपाल के अवधपुरी से तीनों को दबोच लिया। जांच में पता चला कि मध्य प्रदेश का यह गिरोह कई साल से सक्रिय है और कारोबारियों को भोपाल में फर्जी तरीके से जमीन दिलाकर ठगी करता है। पुलिस को शक है कि यह गिरोह कई कारोबारियों को करोड़ों का चूना लगा चुका है।

वर्ष 2015 में गिरोह के सदस्य ने पीतमपुरा निवासी राजेश कुमार से संपर्क कर बताया कि भोपाल के रायसेरा में उसकी काफी कृषि योग्य जमीन है, जिसे वह कम दाम पर बेचने के लिए तैयार है। राजेश जमीन खरीदने के लिए तैयार हो गए। उन्हें भोपाल में जमीन दिखाई गई। सौदा तय होने पर राजेश से 1.25 करोड़ रुपये लेकर 110 एकड़ जमीन बेच दी गई। किस्तों में उनसे पैसे लिए गए। रजिस्ट्री करने की जिद करने पर राजेश को भोपाल बुलाया गया। वहां ठगों ने फर्जी तरीके से रजिस्ट्रार कार्यालय खोल लिया था। गिरोह के सदस्य रजिस्ट्रार, रीडर व स्टांप विक्रेता बन गए थे। फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री कर राजेश को कागजात थमा दिए गए। कुछ समय बाद जब वह जमीन देखने गए तो आसपास के लोगों से पता चला कि जिस शख्स से उन्होंने जमीन खरीदी थी, वह उनकी नहीं है। यह सुनकर उनके होश उड़ गए। असली रजिस्ट्रार कार्यालय का पता चलने पर जब उन्होंने वहां से जानकारी प्राप्त की तो ठगे जाने का एहसास हुआ। इसके बाद दिल्ली आकर उन्होंने मंगोलपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया। गिरोह के तीन सदस्यों को मंगोलपुरी थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मामले में आरोप पत्र भी दायर कर दिया गया था। फरार चलने वाले तीनों आरोपितों के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.