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क्रेडिट कार्ड स्वाइप के बहाने ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश

कनॉट प्लेस थाना पुलिस ने क्रेडिट कार्ड फर्जीवाड़े के आरोप में मास्टर माइंड सुरेंद्र कुमार अरोड़ा समेत उसके बड़े भाई गोपाल दास अरोड़ा व भांजा राम गोपिदर को गिरफ्तार किया है। आरोपित बाजारों व कालोनियों में पम्पलेट चस्पा देते थे। पप्मलेट पर आरोपितों के मोबाइल नंबर लिखे होते थे। साथ ही यह भी लिखा होता था कि जिन्हें पैसों की आवश्यकता है वे क्रेडिट कार्ड स्वैप करवा सकते हैं। 2 फीसद कमीशन काटकर वे कार्ड धारकों को अगले दिन उनके बैंक खाते में पैसा लौटा देंगे। लेकिन आरोपित अगले दिन पैसा नहीं लौटाते थे। सब कुछ फर्जी होने के कारण ठगी के शिकार हुए लोग आरोपितों को नहीं ढूंढ पाते थे। एक आरोपित द्वारा कनॉट प्लेस थाने में शिकायत कर देने पर तीनों दबोच लिए गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 09:13 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 09:13 PM (IST)
क्रेडिट कार्ड स्वाइप के बहाने ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश
क्रेडिट कार्ड स्वाइप के बहाने ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कनॉट प्लेस थाना पुलिस ने क्रेडिट कार्ड स्वाइप कराने के बहाने ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के मास्टरमाइंड सुरेंद्र कुमार अरोड़ा, उसके बड़े भाई गोपाल दास अरोड़ा व भांजे राम गोपिदर को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित बाजारों व कॉलोनियों में पंफ्लेट चस्पा करते थे, जिन पर आरोपितों के मोबाइल नंबर लिखे होते थे। यह भी लिखा होता था कि जिन्हें पैसों की जरूरत है वे क्रेडिट कार्ड स्वाइप करा सकते हैं। दो फीसद कमीशन काटकर कार्ड धारकों के बैंक खाते में अगले दिन पैसा जमा करा दिया जाएगा, लेकिन आरोपित अगले दिन पैसा नहीं जमा कराते थे।

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सब कुछ फर्जी होने के कारण ठगी के शिकार हुए लोग आरोपितों को नहीं ढूंढ़ पाते थे। एक पीड़ित ने इस संबंध में कनॉट प्लेस थाने में शिकायत की तो आरोपित दबोचे गए। डीसीपी मधुर वर्मा के मुताबिक सुरेंद्र उत्तम नगर और गोपाल दास व राम गोपिंदर जहांगीरपुरी के रहने वाले हैं। तीनों चार साल से लोगों को शिकार बना रहे थे, लेकिन पकड़े पहली बार गए। उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया गया है। सुरेंद्र को बिजनेस की अच्छी जानकारी है। गोपाल दास पहले उत्तरी दिल्ली स्थित एक सिनेमा हॉल में काम करता था। नौकरी छूट जाने पर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगा। राम गोपिदर संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में इलेक्ट्रिशियन की नौकरी करता था। उनके ठिकाने से 11 स्वाइप मशीन, एक लैपटॉप, 21 एटीएम कार्ड, नौ फर्जी स्टांप, नौ मोबाइल फोन, 19 सिम कार्ड, सात चेकबुक व पांच पासबुक बरामद की गई।

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ऐसे बनाया ठगी का शिकार

रीगल बिल्डिग में दुकान चलाने वाले संजय कालरा ने ठगी के संबंध में पुलिस में शिकायत दी थी। शिकायत में उन्होंने कहा कि पिछले साल 25 दिसंबर को जब वह किसी काम से दरियागंज गए थे, तब उनकी नजर दीवार पर चिपके पंफ्लेट पर पड़ी। उस पर लिखा हुआ था कि जिन्हें क्रेडिट कार्ड स्वाइप कराना हो वे पंफ्लेट पर दर्ज मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। उन्हें बच्चों की स्कूल फीस व परिवार के खर्च के लिए पैसों की जरूरत थी। उक्त नंबर पर उन्होंने फोन किया तो तीन फीसद कमीशन लेकर शेष पैसा लौटाने की बात तय हुई। अगले दिन 26 दिसंबर को एक युवक घर आकर संजय कालरा के क्रेडिट कार्ड से दो लाख रुपये स्वाइप कर चला गया। 27 दिसंबर को उनके खाते में पैसा नहीं आने पर उन्होंने कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दी।

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चार साल में एक करोड़ की ठगी

एसीपी अखिलेश्वर यादव व थानाध्यक्ष विनोद नारंग के नेतृत्व में एसआइ नरेश कुमार, एएसआइ जोगिदर सिंह, सिपाही रामपाल व शील लाल की टीम ने तीन महीने तक तफ्तीश के बाद 26 मई को गोपाल दास व राम गोपिंदर को उनके घर से दबोच लिया। पूछताछ के बाद रोहिणी सेक्टर 18 से सुरेंद्र को गरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि चार साल में 200 लोगों को शिकार बना चुके हैं और करीब एक करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं।

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