LTC टूर पैकेज के नाम पर बड़ी गड़बड़ी का खुलासा, जानिये- क्या था मोनिका से लिंक
350 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को सस्ता टूर पैकेज देने के नाम पर लाखों रुपये लेकर आइएनआइ टूर एंड ट्रैवल कंपनी बंद कर फरार होने वाले दो ठगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग, पोस्टल विभाग, कोर्ट कर्मचारियों, अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) व दिल्ली पुलिस समेत विभिन्न सरकारी कर्मचारियों से एलटीसी टूर पैकेज उपलब्ध करके के नाम पर ठगी करने वाले दो शातिर ठग को कनॉट प्लेस थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
सस्ता टूर पैकेज के नाम पर करते थे ठगी
जून 2013 में आरोपित 350 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को सस्ता टूर पैकेज उपलब्ध कराने के नाम पर लाखों रुपये लेकर कनॉट प्लेस में स्थित आइएनआइ टूर एंड ट्रैवल कंपनी बंद कर फरार हो गए थे। कनॉट प्लेस पुलिस ने ट्रैवल कंपनी के अज्ञात मालिकों के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया था, लेकिन मामले की तफ्तीश नहीं की। अब करीब छह साल बाद केस की तफ्तीश कर दो मुख्य आरोपितों को पुलिस ने दबोच लिया।
ठगी के मामले में कई बार हो चुके गिरफ्तार
डीसीपी नई दिल्ली जिला मधुर वर्मा के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम अश्विनी सिंह और हरपाल सिंह हैं। 32 वर्षीय अश्विनी, मोहन गार्डन, उत्तम नगर का रहने वाला है। वह स्नातक है और उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि है। इसी तरह के ठगी के मामले में दिल्ली पुलिस उसे कई बार गिरफ्तार कर चुकी है।
बचने के लिए बदलते थे ठिकाना
पुलिस से बचने के लिए वह बार-बार अपना ठिकाना व ठगी के तरीके बदलता रहता है। इस समय वह एक नामी ऑन लाइन टूर कंपनी चला रहा था। द्वारका दक्षिण, सुल्तानपुरी, पालम गांव व हौजखास थाने में इसके खिलाफ पांच केस दर्ज हैं। 26 वर्षीय हरपाल सिंह, हनुमानगढ़, राजस्थान का रहने वाला है। इन दिनों वह गुरुग्राम, हरियाणा में एक टूर एंड ट्रैवल कंपनी चला रहा था।
फोन पर हुई शिकायत
सुरेंद्र कुमार ने जून 2013 में कनॉट प्लेस पुलिस से शिकायत की थी कि मोनिका त्यागी ने उन्हें फोन कर बताया था कि उसकी कंपनी सरकारी कर्मचारियों के लिए जम्मू कश्मीर का सस्ता टूर पैकेज उपलब्ध कराती है। उसने खुद को आइएनआइ टूर एंड ट्रैवल कंपनी की मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव बताया था। जम्मू कश्मीर के लिए पूरे परिवार का टूर पैकेज उसने 91 हजार रुपये का बताया।
पैसे मिलने के बाद कंपनी हो गई बंद
पैसे का भुगतान करने के बाद 15 जून 2013 को सुरेंद्र जब कनॉट प्लेस स्थित ट्रैवल एजेंसी के ऑफिस के पते पर टिकट लेने गए तो वहां न तो मोनिका नाम की युवती मिली और न ही ऑफिस। आस पड़ोस में पता किया गया तो पता चला कि कुछ दिन पहले ही ऑफिस खाली कर दिया गया है।
एक -एक कर 60 शिकायतें
सुरेंद्र की शिकायत पर केस दर्ज करने के बाद कनॉट प्लेस पुलिस को विभिन्न सरकारी कर्मचारियों की 60 और शिकायतें मिली। कुछ महीने पहले ही एसीपी कनॉट प्लेस अखिलेश्वर यादव व थानाध्यक्ष विनोद नारंग को तफ्तीश कर ठगों को दबोचने की जिम्मेदारी सौंपी गई। एसआइ अमित कुमार, सिपाही रामपाल, सतेंद्र व सुमित की टीम ने पहले सभी पीड़ितों से संपर्क कर उनसे बातचीत की।
मोनिका थी अहम कड़ी
कुछ सुराग ढूंढ़ें, फिर मोनिका के मोबाइल नंबर के कॉल डिटेल निकाल उससे पूछताछ की। मोनिका के जरिए अन्य कर्मचारियों के बारे में पता लगा। उनसे भी पूछताछ की गई। इसके बाद पुलिस टीम को पता चला कि भवेश, महेंद्र पलेजा, अश्विनी सिंह व हरपाल सिंह ने उन्हें नौकरी पर रखा था।
सरकारी कर्मचारियों को बनाते थे निशाना
उन्हें सरकारी कर्मचारियों से संपर्क कर टूर पैकेज बेचने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। करीब 400 कर्मचारियों से संपर्क कर उन्होंने जून महीने में 4-4 दिन के लिए दो टूर पैकेज बेचे थे। कुछ को दिल्ली से जम्मू कश्मीर के लिए एयर टिकट दे दिया, लेकिन वापसी की फर्जी टिकट थमा दी। वहीं, कईयों को दिल्ली से जम्मू कश्मीर के लिए फर्जी एयर टिकट थमा दी। एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद उन्हें ठगी का पता चला। पांच दिसंबर को पुलिस टीम ने दोनों को उनके घरों से दबोच लिया।