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    चांदनी चौक में आतंक के बाद 'अतिक्रमण का आतंक', रेहड़ी-पटरी ने फिर कब्जाई सड़कें

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 10:58 PM (IST)

    चांदनी चौक में आतंकी हमले के बाद भी अतिक्रमण जारी है, जिससे व्यापारी चिंतित हैं। रेहड़ी-पटरी वालों और अवैध पार्किंग से बाजार में परेशानी बढ़ गई है। शिकायत के बावजूद एमसीडी और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। जांच के चलते कुछ दुकानें बंद हैं, और मेट्रो स्टेशन भी प्रभावित है। कनॉट प्लेस में लावारिस वाहनों ने भी चिंता बढ़ा दी है।

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    चांदनी चौक में आतंकी हमले के बाद भी अतिक्रमण जारी है, जिससे व्यापारी चिंतित हैं।

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। चांदनी चौक के सामने हुए भीषण आतंकवादी हमले से न तो दिल्ली पुलिस और न ही एमसीडी ने कोई सबक लिया। बल्कि, चांदनी चौक के मुख्य मार्ग और अन्य बाज़ारों में दुकानें खुलते ही रेहड़ी-पटरी वालों ने अवैध अतिक्रमण शुरू कर दिया। इसी तरह, चांदनी चौक के फुटपाथों पर भी वाहनों की अवैध पार्किंग शुरू हो गई है, जिससे स्थानीय व्यापारियों में चिंता बढ़ गई है।

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    हालांकि बाज़ार खुलने लगे हैं और ग्राहक और पर्यटक आ रहे हैं, लेकिन माहौल सामान्य नहीं है। कोविड-19 महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन को याद करते हुए, दुकानदारों का कहना है कि स्थिति सामान्य होने में अभी कुछ और दिन लग सकते हैं, क्योंकि फिलहाल व्यापार नगण्य है।

    दैनिक जागरण की पड़ताल में चांदनी चौक में रेहड़ी-पटरी वालों के साथ-साथ अवैध पार्किंग भी पाई गई। नई लाजपत राय गली की आधी सड़क पर रेहड़ी-पटरी वालों का कब्जा पाया गया। इसी तरह, बाकी जगहों पर भी अवैध पार्किंग शुरू हो गई है। चांदनी चौक मुख्य मार्ग और साइकिल मार्केट में भी यही स्थिति देखी गई। इस बीच, घड़ी मार्केट और परेड ग्राउंड पार्किंग के बीच वाली सड़क पर भी अतिक्रमण बढ़ गया है।

    न्यू लाजपत राय मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल कालरा ने बताया कि अतिक्रमण और अवैध पार्किंग की शिकायत एमसीडी और दिल्ली पुलिस से की गई है। मामला अदालत में लंबित है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। लोग विरोध करते हैं, तो अवैध कब्ज़ाधारी मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।

    कुतुब रोड पर भी कमोबेश यही स्थिति है। सदर बाज़ार रेलवे स्टेशन का पुल, जो आतंकवादी स्थल से मात्र दो किलोमीटर दूर है, पूरी तरह से अवैध कब्ज़ा है।

    इस बीच, न्यू लाजपत राय मार्केट में सोमवार को हुए आतंकवादी हमले के बाद से बंद दुकानें गुरुवार को फिर से खुलने लगीं। इस बीच, ओल्ड राजेंद्र नगर में चल रही जाँच के कारण दुकानें बंद हैं। जाँच एजेंसियों ने शुक्रवार को भी वहाँ गहन जाँच जारी रखी। बम विस्फोट से सबसे ज़्यादा नुकसान इसी बाज़ार को हुआ था। विस्फोट के बाद से यहाँ मानव अंगों के मिलने का सिलसिला जारी है।

    यहां का माहौल कोविड-19 महामारी के समय जैसा

    न्यू लाजपत राय मार्केट के घड़ी दुकानदार सुशील गर्ग ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को अपनी दुकानें खोलनी शुरू कर दी थीं, लेकिन बाज़ार में गिने-चुने ग्राहक ही आए हैं। ज़्यादातर आगंतुक दिल्ली-एनसीआर से हैं, जो या तो घटनास्थल पर आते हैं या पर्यटक के रूप में। मुख्य सड़क पर स्थित ज़्यादातर दुकानें भी खुल गई हैं, लेकिन कारोबार में तेज़ी नहीं आ रही है। दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन (डीएचएमए) के महासचिव श्री भगवान बंसल ने कहा कि स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है। कई दुकानदार बाज़ार नहीं आ रहे हैं। सिर्फ़ कर्मचारी ही अपनी दुकानें खोल रहे हैं।

    नतीजतन, ग्राहक नहीं हैं। यह स्थिति वैसी ही है जैसे कोविड-19 महामारी के कारण बाज़ारों से ग्राहक नदारद थे। एक कर्मचारी संजय चौरसिया ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उन्हें उन दिनों का वेतन मिलेगा या नहीं, जब उनकी दुकान बंद थी। इसके अलावा, ग्राहकों की कमी के कारण कर्मचारियों की संख्या भी सीमित हो रही है।

    मेट्रो और मुख्य सड़क बंद होने से कारोबार प्रभावित

    सुरक्षा और जाँच एजेंसियों ने बम विस्फोट स्थल सहित सुभाष मार्ग और आसपास के इलाकों को अपने कब्ज़े में ले लिया है। नतीजतन, दिल्ली मेट्रो का लाल किला मेट्रो स्टेशन भी बंद है। पुलिस अधिकारियों ने पहले ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी और उन्हें आश्वासन दिया था कि शुक्रवार तक सड़क और मेट्रो स्टेशन फिर से खोल दिए जाएँगे। हालांकि, गहन जाँच और शवों के अंगों व अन्य अवशेषों के संग्रह के बाद, अब सोमवार को सुभाष मार्ग और मेट्रो स्टेशन को फिर से खोलने की चर्चा है।

    कनॉट प्लेस में लावारिस वाहनों ने चिंता बढ़ाई

    कनॉट प्लेस में कई महीनों से खड़े लावारिस वाहनों ने दुकानदारों के बीच चिंता बढ़ा दी है। दुकानदारों के एक संगठन, नई दिल्ली व्यापारी संघ (एनडीटीए) ने इस संबंध में पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर 20 से अधिक ऐसे वाहनों की जाँच और उन्हें हटाने की माँग की है।