चांदनी चौक के कटरों व कूचों का भी हो विकास
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : शाहजहांनाबाद परियोजना में चांदनी चौक के मुख्य मार्ग का पुनर्विका
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : शाहजहांनाबाद परियोजना में चांदनी चौक के मुख्य मार्ग का पुनर्विकास हो रहा है। अब मार्ग के दोनों ओर बसे कटरों-कूचों के विकास की भी मांग बाजार संगठनों ने तेज कर दी है। इसके लिए बाजार संगठन मुख्यमंत्री समेत शाहजहांनाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी) को पत्र भी लिखने वाले हैं। इसके पहले भी कई मंचों से इस मांग को वे सरकार के सामने रख चुके हैं।
मुगलकालीन चांदनी चौक में 64 कटरें और कूचें हैं, जिनमें दिल्ली के थोक बाजार हैं। यहां नई सड़क, साईकिल मार्केट, भागीरथ पैलेस व दरीबा जैसे बड़े बाजार भी हैं। शाहजहांनाबाद परियोजना में इनका विकास शामिल नहीं है। हालांकि, तमाम उठापटक और देरी के बाद 1 दिसंबर से चांदनी चौक के पुनर्विकास का काम शुरू हो गया है। इसके तहत लाल जैन मंदिर से फतेहपुरी मस्जिद तक के मुख्य मार्ग का विकास कार्य किया जाना है। इसमें बिजली के तारों को भूमिगत किया जाएगा और ट्रांसफॉर्मर, पुलिस बूथ, पानी के एटीएम और शौचालय साढ़े तीन मीटर चौड़े सेंट्रल वर्ज (सड़क के बीच) में स्थापित किए जाएंगे। फुटपाथ चौड़े होंगे, जबकि रास्ते संकरे कर उसपर मात्र रिक्शे और साइकिलों को चलने दिया जाएगा। अभी बिजली के तारों को भूमिगत करने और पीने व सीवर की पाइपलाइन को दुरुस्त करने के लिए सड़क की खोदाई का काम चल रहा है, जिसके कारण मुख्य मार्ग को वन-वे कर दिया गया है। वहीं, दूसरी ओर की सड़क भी संकरी हो गई है। इस कारण चांदनी चौक व इसके आस-पास के मार्गो, बाजारों को भी भारी जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इस बीच कटरों व कूचों में काम करने वाले कारोबारी अपने बाजारों को भी दुरुस्त करने की मांग करने लगे हैं। वैसे, वर्ष 2015 में बनी परियोजना में बाजारों के पुनर्विकास की भी बात थी।
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कटरों, कूचों में ही चांदनी चौक बसता है। यहां समस्याओं की भरमार है। इन्हें पुनर्विकास परियोजना में शामिल करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री और एसआरडीसी को पत्र भेजने जा रहे हैं। हमारी मांग है कि मुख्य मार्ग के साथ ही इसके दोनों ओर बसे बाजारों की समस्याओं को दूर किया जाए।
- भारत आहूजा, अध्यक्ष, भागीरथ पैलेस इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन
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लटकते तार, जाम सीवर के साथ ही यहां पेयजल व सार्वजनिक शौचालयों की समस्या है। कटरों और कूचों में हजारों की संख्या में लोग रहते हैं। इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है, जो इन सब समस्याओं से जूझ रही हैं। इन समस्याओं को दुरुस्त करने की मांग को लेकर हम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मिल रहे हैं।
- योगेश सिंघल, अध्यक्ष, द बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन, कूचा महाजनी
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अभी मात्र चांदनी चौक का चेहरा चमकाने की कवायद चल रही है। यहां के प्रसिद्ध बाजारों की जरूरतों का ध्यान नहीं रखा गया है। 64 कटरों-कूचों में बने थोक बाजारों के अलावा पांच प्रमुख बाजार हैं। सच तो यह है कि बिना बाजारों को साथ लिए चांदनी चौक का सर्वागीण विकास नहीं हो सकता है।
- सुरेश बिंदल, पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन, चांदनी चौक
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पुरानी दिल्ली में मात्र चांदनी चौक पुनर्विकास पर ही सरकार का ध्यान है। जबकि, 45 हजार से अधिक कारोबारी प्रतिष्ठान वाले सदर बाजार पर किसी का ध्यान नहीं है। हम चाहते हैं कि सदर बाजार के विकास के लिए अलग से प्राधिकरण का गठन हो।
- राजेंद्र शर्मा, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन