केंद्रीय मंत्री ने मॉनिट¨रग कमेटी को लपेटा
-सीलिंग से राहत की उम्मीद धूमिल, केंद्र एवं डीडीए को नहीं समझ आ रहा कोई विकल्प -पुरी ने
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली :
दिल्ली के सात लाख कारोबारियों को सीलिंग से राहत मिलने की उम्मीद धूल धूसरित होती नजर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट की लगातार सख्ती के बाद केंद्र सरकार और डीडीए दोनों ही पसोपेश में हैं। आलम यह है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने जहां हाथ खडे़ कर दिए हैं वहीं केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी अब मॉनिट¨रग कमेटी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
मंगलवार की सुबह कठपुतली कॉलोनी की पुनर्विकास योजना का शिलान्यास करने पहुंचे पुरी ने साफ कहा कि एसी दफ्तर में बैठकर काम करने वाली मॉनिट¨रग कमेटी दिल्ली की जरूरतों से वाकिफ नहीं है। यहां देश भर से लाखों लोग रोजगार के लिए आते हैं। रोजगार की तलाश में ही तमाम तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इन समस्याओं का समाधान सीलिंग नहीं हो सकता।
उधर, अधिकारियों की मानें तो डीडीए के हाथ में मास्टर प्लान में संशोधन करना ही था, वो कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण, पार्किंग और जाम को लेकर जो आपत्ति उठाई, उन्हें लेकर भी हलफनामा दायर करके सिलसिलेवार जवाब दे दिया गया था। लेकिन कोर्ट संतुष्ट नहीं हो रहा है। डीडीए को ही लगातार कठघरे में खड़ा किए हुए है। लिहाजा, डीडीए के पास अब कारोबारियों को सीलिंग से राहत दिलाने के लिए कुछ करना संभव नहीं रह गया है।
अधिकारियों के मुताबिक डीडीए अब सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अगले निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहा है। उनके निर्देशों पर ही कोई रास्ता निकल पाएगा। वैसे डीडीए सूत्र बताते हैं कि मंत्रालय भी फिलहाल कुछ कर पाने की स्थिति में नजर नहीं आ रहा है। कानूनी स्तर पर सलाह मशविरा भी किया जा रहा है, मगर ठोस समाधान फिर भी कोई नहीं मिल रहा।
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मास्टर प्लान में संशोधन को लेकर डीडीए जो कर सकता था, वह किया गया। कोर्ट की आपत्तियों का जवाब भी दे दिया गया। अब डीडीए के अधिकार क्षेत्र में कुछ नहीं रह गया है। या तो कोर्ट ही कोई निर्देश दे अथवा फिर केंद्रीय मंत्रालय से कोई दिशा निर्देश जारी हो।
-राजेश कुमार जैन, सहायक आयुक्त (प्लानिंग), डीडीए।