अनियमितताओं में दोषी पाए जाने पर सीबीएसई ने किया जुर्माने के प्रावधान
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूल यदि वित्तीय, प्रश्
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूल यदि वित्तीय, प्रशासनिक, परीक्षा और अकादमिक मामलों में अनियमितता करने के दोषी पाए जाते हैं तो उन पर अब पांच लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। कुछ समय के लिए संबद्धता निलंबित भी की जा सकती है। यह प्रंावधान सीबीएसई की तरफ से किया गया है।
सीबीएसई के मुताबिक यदि स्कूलों का स्तर सीनियर सेकेंडरी से सेकेंडरी किया जाता है तो स्कूलों पर जुर्माना लगाया जाएगा। सेक्शन की संख्या सीमित की जाती है और स्कूल को बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को प्रायोजित करने से रोका जाता है तो भी जुर्माना लगेगा। ऐसे स्कूलों को लिखित चेतावनी जारी की जाएगी। उन पर पाच लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। समयबद्ध अवधि के लिए स्कूलों की संबद्धता निलंबित की जाएगी। अनियमितता मिलने पर स्कूलों को संबद्धता के लिए आवेदन करने से रोकना और संबद्धता वापस लेना का भी प्रावधान है। सीबीएसई के नियमों के मुताबिक परीक्षा, शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय मामलों में अनियमितता के मामले में या अदालत या सरकारी आदेशों का अनुपालन नहीं करने के मामले में बोर्ड इन सभी को या इनमें से कोई एक प्रावधान जुर्माने के तौर पर लगा सकता है। जुर्माने के अन्य आधार भी
-संबद्धता आवश्यकताओं में अगर कमी आती है और इसका पता चाहे किसी भी स्तर पर लगे तो भी जुर्माना लगेगा
- राज्य सरकार की तरफ से स्कूल की एनओसी या मान्यता वापस ली जाती है और लगातार तीन साल तक स्कूल का शैक्षिक प्रदर्शन खराब रहता है तो भी जुर्माने का प्रावधान है
- शिक्षकों या प्रधानाचार्य को उपनियमों के तहत प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजना भी जुर्माने में शामिल किया गया है
- बोर्ड परीक्षा की उत्तरपुस्तिका के मूल्याकन के लिए कर्मचारी नामित नहीं करना या उसे मुक्त नहीं करने को भी जुर्माने के आधार के तौर पर देखा जाएगा