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सुरक्षा बलों के बच्चे बाद में दे सकेंगे बोर्ड परीक्षा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सुरक्षा बलों जैसे सशस्त्र बलों, सेना और अर्धसैनिक बलों के शहीद जवानों के बच्चों को बोर्ड परीक्षा में विकल्प दिए हैं। इन सुरक्षा बलों के बच्चों को बाद में बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 11:25 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 11:25 PM (IST)
सुरक्षा बलों के बच्चे बाद में दे सकेंगे बोर्ड परीक्षा
सुरक्षा बलों के बच्चे बाद में दे सकेंगे बोर्ड परीक्षा

- सामाजिक संगठनों की ओर से शहीदों के बच्चों को परीक्षा में राहत देने की मांग की जा रही थी - शहीदों के बच्चे अपना परीक्षा केंद्र अपने शहर में बदलवा सकते हैं जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सुरक्षा बलों जैसे सशस्त्र बलों, सेना और अर्धसैनिक बलों के शहीद जवानों के बच्चों को बोर्ड परीक्षा में विकल्प दिए हैं। इन सुरक्षा बलों के बच्चों को बाद में बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है।

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पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद कुछ सामाजिक संगठनों की ओर से शहीदों के बच्चों को परीक्षा में राहत देने की मांग की जा रही थी। इस पर सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ संयम भारद्वाज की ओर से जारी सूचना के मुताबिक बोर्ड ने सशस्त्र बलों, सेना और अर्धसैनिक बलों के शहीद जवानों के बच्चों को परीक्षा में कुछ राहत देना का निर्णय किया है। इसके तहत कक्षा 10 और 12 की परीक्षाओं के लिए पंजीकृत शहीदों के बच्चे चाहें तो अपना परीक्षा केंद्र अपने शहर में बदलवा सकते हैं। इसके अलावा वे अपना परीक्षा केंद्र किसी अन्य शहर में भी बदलवा सकते हैं। अगर किसी बच्चे की कोई प्रयोगात्मक परीक्षा छूट गई है तो इस परीक्षा को बच्चों की सुविधा के मुताबिक 10 अप्रैल तक स्कूल में आयोजित कराया जाएगा। बाद में परीक्षा देने के लिए प्रार्थना भेज सकते हैं शहीद के बच्चे

छात्रों के जिन विषयों की परीक्षाएं निर्धारित तारीख में होने वाली हैं। उसके अतिरिक्त अगर वह बाद में परीक्षा देना चाहते हैं। तो वह अपनी प्रार्थना भेज सकते हैं। उन्हें परीक्षा बाद में देने के लिए अनुमति दी जाएगी। डॉ भारद्वाज के मुताबिक सभी के लिए इन छात्रों को अपने स्कूल से संपर्क करना होगा। मांग है कि स्कूलों की तरफ से बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय को बच्चों की प्रार्थनाओं को 28 फरवरी तक भेजा जाए। जिससे बोर्ड की ओर से इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा सके।


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