सीबीआइ की याचिका दूसरी अदालत में ट्रांसफर
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) द्वारा जमानत राशि बढ़ाने की मांग के साथ दायर याचिका को बुधवार को हाई कोर्ट ने सुरक्षा राशि से जुड़े एक अन्य मामले की सुनवाई कर रही पीठ के समक्ष ट्रांसफर कर दिया। सुनवाई के दौरान पीठ को जानकारी दी गई कि ऐसे ही एक अन्य मामले में आरोपित प्रदीप कोनेरू की याचिका न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी के सामने लंबित है। जिस पर बृहस्पितवार को
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) की ओर से मीट व्यापारी मोइन कुरैशी की जमानत राशि बढ़ाने की मांग के साथ दायर याचिका को बुधवार को हाई कोर्ट ने सुरक्षा राशि से जुड़े एक अन्य मामले की सुनवाई कर रही पीठ के समक्ष ट्रांसफर कर दिया। सुनवाई के दौरान पीठ को जानकारी दी गई कि ऐसे ही एक अन्य मामले में आरोपित प्रदीप कोनेरू की याचिका न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी के सामने लंबित है, जिस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होनी है। यह विदेश जाने की अनुमति के संबंध में सुरक्षा राशि जमा करने से जुड़ा मामला है। इस पर न्यायमूर्ति चंद्र शेखर ने मामले को दूसरी पीठ के लिए ट्रांसफर कर दिया। गौरतलब है कि इस याचिका पर चंद्रशेखर ने 11 फरवरी को सीबीआइ से उसका पक्ष मांगा था।
गौरतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 2 फरवरी को मीट व्यापारी मोइन कुरैशी को बैंक गारंटी और दो करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि पर दुबई व पाकिस्तान जाने की अनुमति दी थी। इसके खिलाफ सीबीआइ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा राशि को दो करोड़ से बढ़ाकर छह करोड़ करने की मांग की। सीबीआइ ने कहा कि इससे पहले भी अदालत ने एक आरोपित को विदेश जाने की अनुमति देने के लिए छह करोड़ रुपये की जमानत राशि देने का आदेश दिया था। कुरैशी को 2017 में दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया था। उस समय वह दुबई भागने की फिराक में था। ईडी ने उससे कई बार पूछताछ की है। आरोप है कि कुरैशी ने गलत तरीके से देश के पैसे बाहर भेजे हैं और वहां पर संपत्ति बनाई है।