कैट्स एंबुलेंसकर्मियों की हड़ताल जारी, सरकार ने लगाया एस्मा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के एंबुलेंस सेवा की संचालक कंपनी कैट्स एंबुलेंस के कम
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के एंबुलेंस सेवा की संचालक कंपनी कैट्स एंबुलेंस के कर्मचारियों ने चौथे दिन भी हड़ताल जारी रखी। इससे राजधानी में एंबुलेंस सेवा चरमरा गई है। एंबुलेंस की हड़ताल के मद्देनजर उपराज्यपाल अनिल बैजल के निर्देश पर दिल्ली सरकार के अतिरिक्त गृह सचिव ने दिल्ली में एस्मा लगा दिया है। इस आदेश में कहा गया है कि एंबुलेंस का परिचालन जरूरी सेवा है। इसलिए कर्मचारी एंबुलेंस सेवा ठप नहीं कर सकते। सरकार ने एंबुलेंस परिचालन में रूकावट डालने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसके अलावा एंबुलेंस सेवा की संचालक कंपनी ने हड़ताली कर्मचारियों को बर्खास्तगी का नोटिस थमा दिया है।
हालांकि इस कार्रवाई के बावजूद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस नहीं ली है। जिससे शनिवार को भी दिल्ली में करीब 200 एंबुलेंस का परिचालन नहीं हो सका। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने कैट्स एंबुलेंस के संचालन की जिम्मेदारी बीवीजी-यूकेएसएएस ईएमएस नामक एक निजी कंपनी को सौंपी है। कैट्स एंबुलेंस का परिचालन निजी हाथों में सौंपे जाने के बाद एक साल में करीब छह बार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर चुके हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। इस बार कंपनी के अनुबंधित कर्मचारियों व प्रबंधन के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि कर्मचारी हड़ताल वापस लेने को तैयार नहीं है और वे अब सरकार से कंपनी का ठेका वापस लिए जाने की मांग करने लगे हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के बाबत उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान करीब 500 हड़ताली कर्मचारी भी राजनिवास के पास पहुंचकर संचालक कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया और उसका ठेका रद करने की मांग की। कर्मचारियों ने उपराज्यपाल को लिखित शिकायत देकर संचालक कंपनी पर कर्मचारियों को गलत मुकदमों में फंसाने का आरोप लगाया है।
कैट्स में प्रतिदिन करीब 900 लोग एंबुलेंस सेवा के लिए फोन करते हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण हादसा पीड़ितों व गर्भवती महिलाओं की मदद के लिए एंबुलेंस नहीं पहुंच पा रही है। हालांकि कैट्स एंबुलेंस सेवा ने दावा किया है कि 120 एंबुलेंस का परिचालन शुरू हो गया है। कैट्स के अपने कर्मचारी परिचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। हालांकि हड़ताली कर्मचारी एंबुलेंस को नुकसान पहुंचाकर उसके परिचालन में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं। संचालक कंपनी का कहना है कि एक कर्मचारी बगैर किसी सूचना के कई दिनों तक अपनी ड्यूटी पर नहीं आया। जो कर्मचारी यूनियन का पदाधिकारी भी है। उसे कंपनी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया। फिर इसी कर्मचारी ने बाकी कर्मचारियों को यूनियन का धौंस दिखाकर हड़ताल के लिए उकसाया। बर्खास्तगी नोटिस में हड़ताली कर्मचारियों को ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए जो समय दिया गया था वह बीत चुका है। कार्रवाई के लिए कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है। अब तक ड्यूटी पर नहीं आने वाले कर्मचारी बर्खास्त किए जा सकते हैं।