जातिसूचक सवाल मामले में एसीपी पर लटकी कार्रवाई की तलवार
डीएसएसएसबी (दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड) की परीक्षा में जातिसूचक सवाल पूछने के मामले में कोई कार्रवाई न होने पर दिल्ली पुलिस के एसीपी के खिलाफ कड़कड़डूमा कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया है। साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विवेक विहार के एसीपी को स्टेटस रिपोर्ट के साथ पेश होने का निर्देश दिया था। लेकिन बृहस्पतिवार को एसीपी के स्थान पर रिपोर्ट के साथ एक एएसआइ पेश हुए। इस पर याचिकाकर्ता वकील सत्य प्रकाश गौतम ने कहा कि एसीपी के खिलाफ एससी-एसटी कानून की धारा चार के तहत कार्रवाई की जाए। मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली : डीएसएसएसबी (दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड) की परीक्षा में जातिसूचक सवाल पूछने के मामले में कोई कार्रवाई न होने पर दिल्ली पुलिस के एसीपी के खिलाफ कड़कड़डूमा कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया है। साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विवेक विहार के एसीपी को स्टेटस रिपोर्ट के साथ पेश होने का निर्देश दिया था। लेकिन बृहस्पतिवार को एसीपी के स्थान पर रिपोर्ट के साथ एक एएसआइ पेश हुए। इस पर याचिकाकर्ता वकील सत्य प्रकाश गौतम ने कहा कि एसीपी के खिलाफ एससी-एसटी कानून की धारा चार के तहत कार्रवाई की जाए। मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।
विशेष जज संजीव कुमार मल्होत्रा की अदालत में एसीपी की जगह पहुंचे एएसआइ सतेंदर ने कहा कि उन्हें इस केस के तथ्यों की जानकारी नहीं है। वह सिर्फ रिपोर्ट देने आए हैं। एसीपी द्वारा तैयार स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि डीएसएसएसबी ने इस मामले में माफी मांग ली है। साथ ही जातिसूचक सवाल तैयार करने वाले को पैनल से बाहर कर दिया गया है। हालांकि उक्त अधिकारी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। इसके अलावा रिपोर्ट में जांच से संबंधित कुछ तथ्य थे। इस पर वकील सत्य प्रकाश गौतम ने कहा कि रिपोर्ट में कार्रवाई का जिक्र नहीं है और न ही इस मामले में एफआइआर हुई है। ऐसे में एससी-एसटी कानून के तहत एसीपी पर कार्रवाई शुरू की जाए। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की भी मांग की। कोर्ट ने जमानती वारंट के साथ एसीपी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। उनसे पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ एससी-एसटी कानून की धारा-चार के तहत कार्रवाई की जाए। इस कानून में कम से कम छह माह की सजा का प्रावधान है।
गौरतलब है कि गत अक्टूबर में प्राइमरी शिक्षक भर्ती के लिए हुई परीक्षा में जातिसूचक सवाल पूछा गया था। इसे लेकर वकील सत्य प्रकाश गौतम ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।