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बीएसएफ ने बहादुरी का मानक किया स्थापित : अजित डोभाल

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बुधवार को अपना 17वां अलंकरण समारोह मनाया। विज्ञान भवन में आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में देश के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने असाधारण शौर्य का प्रदर्शन करने वाले बीएसएफ के 22 सदस्यों को सम्मानित किया। इसमें 11 को वीरता के लिए पुलिस पदक 12 सेवानिवृत सदस्यों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक व एक सदस्य को उत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा सहित प्रमुख सुरक्षा बलों के प्रमुख और बीएसएफ के सभी प्रमुख उपमहानिदेशक मौजूद रहे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 09:57 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 06:26 AM (IST)
बीएसएफ ने बहादुरी का मानक 
किया स्थापित : अजित डोभाल
बीएसएफ ने बहादुरी का मानक किया स्थापित : अजित डोभाल

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बुधवार को अपना 17वां अलंकरण समारोह मनाया। विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हुए। उन्होंने असाधारण शौर्य दिखाने वाले बीएसएफ के सीमा प्रहरियों को सम्मानित किया। 11 कर्मियों को वीरता के लिए पुलिस पदक, 12 सेवानिवृत कर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक व एक को उत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया।

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इस मौके पर अजीत डोभाल ने कहा कि संसार में हर किसी को अपनी जान सबसे प्यारी होती है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अपने जीवन से ज्यादा मातृभूमि से प्यार होता है। देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले बीएसएफ के सभी जवान इन्हीं लोगों में से हैं। गठन के समय से ही इस बल ने बर्फीले पहाड़ों से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान और पूर्वोत्तर के घने जंगलों तक में बहादुरी का एक मानक स्थापित किया है। इस बल के जवानों ने सीमा पर ही नहीं, देश के अंदर भी आतंकरोधी और नक्सलरोधी अभियानों में सराहनीय भूमिका निभाई है। इस अवसर पर बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा, प्रमुख सुरक्षा बलों के प्रमुख और बीएसएफ के सभी प्रमुख उपमहानिदेशक मौजूद रहे।

गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल के प्रथम महानिदेशक केएफ रूस्तम के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हर वर्ष 22 मई को यह समारोह मनाया जाता है। व्याख्यान का आयोजन

समारोह के दूसरे सत्र में 'रूस्तम जी स्मृति व्याख्यान' का आयोजन किया गया। इसमें 'इंस्टीट्यूट फॉर कॉनफ्लिक्ट मैनेजमेंट' संस्था के संस्थापक व लेखक डॉ. अजय साहनी ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा व उनसे संबंधित विवाद को लेकर अपने अनुभव साझा किए। ----------------

वीरता के लिए पुलिस पदक

ऑपरेशन 'चमलियाल', ऑपरेशन 'केशोकोरी' और ऑपरेशन 'रूस्तम' में अदम्य साहस दिखाने वाले सीमा सुरक्षा बल के 11 जवानों को पुलिस पदक देकर सम्मानित किया गया। 28 नवंबर 2016 की रात साढ़े 11 बजे बीएसएफ की 62वीं बटालियन ने सीमा चौकी 'चमलियाल-फतवाल' में ऑपरेशन 'चमलियाल' को अंजाम दिया था। यहां लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी ढेर किए गए थे। ऑपरेशन 'केशोकोरी' को बीएसएफ की 140वीं बटालियन ने छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में अंजाम दिया था। 2 फरवरी 2016 को केशोकारी गांव में एक नक्सली मारा गया था, जबकि दूसरा जान बचाकर भाग गया था। ऑपरेशन 'रूस्तम' को जम्मू सीमा पर 19 अक्टूबर 2016 की रात पौने 12 बजे 173वीं बटालियन ने अंजाम दिया था। इसमें एक आतंकी मारा गया और अन्य आतंकी पीछे हटने को बाध्य हो गए थे। ऑपरेशन के दौरान घायल गुरनाम सिंह अभियान के कुछ दिनों बाद वीरगति को प्राप्त हुए थे। उन्हें 2017 में ही बलिदानोपरांत 'वीरता के लिए पुलिस पदक' से सम्मानित किया गया। उनका पदक पूर्व में ही उनके परिजन को प्रदान किया जा चुका है।

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अलंकृत किए गए जवान

ऑपरेशन 'चमलियाल' में शामिल जवान

-बलजीत सिंह कसाना, उप महानिरीक्षक

-युद्धवीर यादव, सहायक कमांडेंट

-सुरजीत सिंह बिश्नोई, सहायक उपनिरीक्षक

-ओम प्रकाश, सहायक उपनिरीक्षक

-पारस राम, आरक्षक

मुकेश कुमार चौधरी, आरक्षक

विभास बटब्याल, आरक्षक

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ऑपरेशन 'केशोकोरी' में शामिल जवान

-निशिकांत, सहायक कमांडेंट

-के. नंदकिशोर मधुकर राव, आरक्षक

-शहनवाज वली भट्ट, आरक्षक

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-भूपिदर सिह, निरीक्षक


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