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    भागीरथ पैलेस अग्निकांड: समिति की जांच रिपोर्ट आने से पहले सांठगांठ कर बिल्डर बनाने लगे इमारत, जेई निलंबित

    By Nimish HemantEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Sun, 15 Jan 2023 04:17 PM (IST)

    मामले से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक यह गंभीर मामला था और उक्त अधिकारी पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि जब तक एलजी द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तब तक उक्त स्थान पर कोई निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।

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    भागीरथ पैलेस अग्निकांड: रिपोर्ट आने से पहले सांठगांठ कर बिल्डर बनाने लगे इमारत

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं और चांदनी चौक में किस कदर बिल्डर माफिया हावी हैं, इसका अंदाजा भागीरथ पैलेस में आग लगने से ढही इमारत की जगह हो रहे नए अवैध निर्माण से लगाया जा सकता है।

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    इस मामले के संज्ञान में आने के बाद एमसीडी ने लिप्त एक जूनियर इंजीनियर (जेई) को निलंबित कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि अब संबंधित विभागों से तय स्वीकृतियों के बिना वहां कोई निर्माण नहीं होगा। यह स्थिति तब है जब यह पूरा मामला खुद उपराज्यपाल वीके सक्सेना के संज्ञान में है। भागीरथ पैलेस अग्निकांड के बाद उपराज्यपाल ने जांच के लिए एक उच्चाधिकार समिति बनाई थी।

    उस समिति ने अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है, लेकिन बिल्डर ने वहां निर्माण शुरू कर दिया है। समिति ने रिपोर्ट सौंपने के लिए एलजी से फिलहाल 31 जनवरी तक का वक्त मांगा है। चांदनी चौक स्थितत इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद के हब भागीरथ पैलेस में 24 नवंबर को भीषण अग्निकांड हुआ था। इस में तकरीबन 200 दुकानों के खाक होने के साथ ही तीन इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा था। दो इमारतें तो ढह गई थीं, जबकि तीसरी इमारत में दरारें आ गई थीं।

    समिति ने उपराज्यपाल को नहीं सौंपी रिपोर्ट

    मामले को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गंभीरता से लिया। खुद घटनास्थल पर पहुंचे और उक्त घटना से प्रभावित दुकानदारों को राहत देने के साथ चांदनी चौक समेत पुरानी दिल्ली को आग लगने की घटनाओं पर रोकथाम के लिए शाहजहांनाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडी) की प्रबंध निदेशक के नेतृत्व में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की, जिसको नौ जनवरी तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। वह रिपोर्ट तो अभी तक समिति ने उपराज्यपाल को नहीं सौंपी है। उसके पहले ही ढही इमारतों का मलबा हटाकर वहां अवैध निर्माण शुरू हो गया है।

    गाटर के जरिये इमारतों को फिर से खड़ा किया जाने लगा और उसके लिए आवश्यक मंजूरी भी नहीं ली गई। जबकि पुरानी दिल्ली के स्पेशल जोन में होने के चलते मरम्मत कार्य के लिए भी एमसीडी से स्वीकृति आवश्यक होती है। गत नौ जनवरी को जब उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में यह मामला आया तब मामले में लिप्त एमसीडी के जेई को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है।

    मामले से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक यह गंभीर मामला था और उक्त अधिकारी पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि जब तक एलजी द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक उक्त स्थान पर कोई निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।