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एक अस्पताल में नहीं किया भर्ती, दूसरे में नहीं मिला बेड

जागरण संवाददाता दक्षिणी दिल्ली आइएलबीएस (इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज) अस्पताल

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 09:38 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 09:38 PM (IST)
एक अस्पताल में नहीं किया  भर्ती, दूसरे में नहीं मिला बेड
एक अस्पताल में नहीं किया भर्ती, दूसरे में नहीं मिला बेड

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : आइएलबीएस (इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज) अस्पताल की संवेदनहीनता और सफदरजंग अस्पताल की हीलाहवाली के कारण गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज रातभर चक्कर काटता रहा। इसके बाद रविवार सुबह संफदरजंग अस्पताल के वार्ड में उसे भर्ती तो किया गया, लेकिन बेड मुहैया नहीं कराया गया। शाम तक मरीज जमीन पर ही घर से लाए गए कंबल को बिछाकर लेटा रहा।

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रोहिणी के रहने वाले राहुल दहानी ने बताया कि उनके पिता सतीश कुमार दहानी (57) को लिवर और किडनी से संबंधित बीमारी है। उनका इलाज मार्च 2020 से आइएलबीएस अस्पताल में चल रहा था। शनिवार रात अचानक उनके पिता की तबीयत बिगड़ने पर वह उन्हे आइएलबीएस अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां प्राथमिक उपचार के बाद कम आय वर्ग कोटे में बेड न होने की बात कहकर दूसरे अस्पताल में ले जाने को कहा गया।

राहुल ने कहा कि काफी जोर देने पर अस्पताल प्रशासन ने उन्हें लेटर हेड पर कम आय वर्ग कोटे का बेड न होने के कारण सफदरजंग अस्पताल का रेफरल लेटर दे दिया। लेटर लेकर पिता के साथ सफदरजंग पहुंचे राहुल को वहां भी भटकना पड़ा। उनके पिता को सुबह सात बजे भर्ती कर जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन बेड और बिस्तर तक नहीं दिया गया। वह घर से लाए कंबल के सहारे ही अस्पताल में पड़े हुए हैं। पीड़ित का कहना है कि अस्पताल के डॉक्टर उनसे कहते हैं कि अगर इलाज नहीं हो रहा है तो वह मरीज को अन्य अस्पताल में ले जा सकता है। वहीं इस बाबत सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसवी आर्या को कई बार फोन और वाट्सएप के जरिये संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन जवाब नहीं आया है। वर्जन

अस्पताल में वर्तमान समय में कम आय वर्ग कोटे के 10 फीसद से ज्यादा मरीज पहले से ही इलाज करा रहे हैं। ऐसे में इस कोटे के बेड खाली न होने के चलते मरीज को रेफर किया गया था।

डॉ. शांतनु, जनसंपर्क अधिकारी, आइएलबीएस


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