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सौर ऊर्जा से चार्ज होगी 20 साल तक चलने वाली बैटरी

दिल्ली ही नहीं देश के कई हिस्से इन दिनों प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। हवा इस कदर खराब हो चुकी है कि सांस लेना भारी पड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में आबोहवा सुधारने के मकसद से डीजल जनरेटर चलाने तक पर प्रतिबंध लगाना पड़ा है। जनरेटर प्रदूषण का बड़ा कारक है लेकिन यदि आइआइटी के दावे पर यकीन करें तो बहुत जल्द जनरेटर को आप अलविदा कह सकते हैं। परेशान ना हों जनरेटर के विकल्प के रूप में वीआरएफ बैट्री प्रयोग कर सकते हैं। यह सौर ऊर्जा से चार्ज होगी और 20 सालों तक चलेगी। इस बैट्री से किसी प्रकार का प्रदूषण भी नहीं होता।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 07:38 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 08:47 PM (IST)
सौर ऊर्जा से चार्ज होगी 20  साल तक चलने वाली बैटरी
सौर ऊर्जा से चार्ज होगी 20 साल तक चलने वाली बैटरी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर ही नहीं देश के कई हिस्से प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। हवा इस कदर खराब हो चुकी है कि सांस लेना भारी पड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में आबोहवा सुधारने के मकसद से डीजल जेनरेटर चलाने तक पर प्रतिबंध लगाना पड़ा है। जेनरेटर प्रदूषण का बड़ा कारक है, लेकिन यदि आइआइटी के दावे पर यकीन करें तो बहुत जल्द जेनरेटर को आप अलविदा कह सकते हैं। इसके विकल्प के रूप में वीआरएफ बैटरी प्रयोग कर सकते हैं। यह सौर ऊर्जा से चार्ज होगी और 20 सालों तक चलेगी। इस बैटरी से किसी प्रकार का प्रदूषण भी नहीं होता।

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बैटरी से बिजली : डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल इंजीनियरिग के प्रो. अनिल वर्मा ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के चलते जेनरेटर पर रोक लगा दी जाती है। पांच साल पहले हमने जेनरेटर का विकल्प तलाशने पर काम शुरू किया। गहन शोध के बाद बैटरी तैयार की गई। बकौल प्रो. अनिल वर्मा, वीआरएफ बैटरी में वेनेडियम इलेक्ट्रोलाइट नामक केमिकल कई अन्य रसायनों के साथ प्रयोग किया जाता है। इसे सोलर पावर के माध्यम से चार्ज किया जाता है। वैसे तो यह डीसी (डायरेक्ट करेंट) बैटरी होगी, लेकिन इसकी खासियत है कि यह पावर इलेक्ट्रॉनिक सर्किट की मदद से डीसी एनर्जी को एसी (अल्टरनेटिग करेंट) में तब्दील कर सकेगी। बैटरी में केमिकल कितना भरा जाएगा, इसका पैमाना बिजली की खपत के आधार पर तय होगा। यहां होगा प्रयोग

आइआइटी ने बताया कि इसे घरों के अलावा अस्पताल, गांव, भवन आदि में प्रयोग किया जा सकेगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्ज करने में भी इसका प्रयोग संभव होगा। इस शोध को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए भी आवेदन किया गया है।


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