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बारिश में भीगे बिना भी हो सकते हैं संक्रमण का शिकार, रहें सावधान

राजधानी में मॉनसून के आगमन के बाद अब बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। बारिश के मौसम में संक्रमण होने की संभावना भी बढ़ जाती है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि भींगने के बाद ही स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या आए क्योंकि बारिश के बाद मौसम में अचानक होने वाले बदलाव और तापमान में कमी की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और और कई प्रकार की वायरल समस्याएं शरीर को घेर लेती है। इस मौसम में सर्दी-जुकाम, फ्लू होने के साथ साथ त्वचा, पेट और नाखून-पैर के फंगस जैसे संक्रमण हो सकते हैं। इन दिनों अक्सर सड़क पर चलते हुए रास्ते में कीचड़ और गंदा पानी मिलता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Jul 2018 10:47 PM (IST)Updated: Mon, 02 Jul 2018 10:47 PM (IST)
बारिश में भीगे बिना भी हो सकते हैं संक्रमण का शिकार, रहें सावधान
बारिश में भीगे बिना भी हो सकते हैं संक्रमण का शिकार, रहें सावधान

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली :

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राजधानी में बरसात के मौसम में अब बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। इस मौसम में संक्रमण होने की संभावना भी बढ़ जाती है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि भीगने के बाद ही स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या आए, क्योंकि बारिश के बाद मौसम में अचानक होने वाले बदलाव और तापमान में कमी की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इससे कई प्रकार की समस्याएं शरीर को घेर लेती हैं। इस मौसम में सर्दी-जुकाम, फ्लू होने के साथ त्वचा, पेट और नाखून-पैर के फंगस जैसे संक्रमण हो सकते हैं। इन दिनों अक्सर सड़क पर चलते हुए रास्ते में कीचड़ और गंदा पानी मिलता है। ऐसे में हो सकता है आप छाता लेकर चल रहे हों, लेकिन पैरों के संपर्क में आने वाली गंदगी त्वचा और नाखून में संक्रमण और एलर्जी पैदा कर सकती हैं। बारिश के पानी में सीवरेज का पानी भी मिल जाता है और इससे लिवर व किडनी को प्रभावित करने वाली गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि हम सावधानी बरतें और संक्रमण से बचाव को लेकर सतर्क हो जाएं।

बचाव है जरूरी

- फंगस के कारण बालों में रूसी और उनकी जड़ों में चिपचिपाहट होने से वे तेजी से गिरने लगते हैं।

- खुजली, बालों का गिरना और फुंसी जैसी परेशानी भी हो सकती है।

- इस मौसम में पेट के संक्रमण से बचने के लिए बाहर के खाने से परहेज करें।

- त्वचा में संक्रमण और जलन का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है, क्योंकि हवा में मौजूद नमी शरीर में तेल के स्त्राव को बढ़ाती है।

- संक्रमण के कारण ही बारिश में कान के रोग भी पनपते हैं और दर्द की शिकायत हो सकती है। डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

- इस मौसम में अस्थमा से पीड़ित लोगों में तापमान के अचानक कमी से अस्थमा के अटैक बढ़ सकते हैं।

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संक्रमण की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता जितनी कमजोर होगी, संक्रमण होने की आशंका उतनी ही अधिक रहेगी। बारिश के पानी में बैक्टीरिया और वायरस के पनपने की संभावना अधिक रहती है। संक्रमण से बचाव के लिए हर दिन कम से कम 500 मिलीग्राम विटामिन-सी का सेवन करना चाहिए। इसमें मौसमी फल व नींबू सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।

डॉ. एसके मुंद्रा।

बारिश में संक्रमण से बचाव के लिए सबसे अधिक पोषक आहार पर ध्यान देने की जरूरत होती है, ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे और शरीर पर जीवाणुओं का प्रभाव न पड़ सके। इसके लिए हरी सब्जियां, फल के साथ भरपूर मात्रा में विटामिन सी का प्रयोग करना उचित है।

डॉ.आरपी पराशर, मुख्य चिकित्सक, आयुर्वेद पंचकर्मा अस्पताल।


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