अटल के विचारों को देश के मुस्लिमों के बीच ले जाएगा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
-पूरे वर्ष विभिन्न राज्यों में आयोजित होंगे कार्यक्रम -27 अगस्त को स्मृति स्थल पर श्रद्धांजलि सभ
-पूरे वर्ष विभिन्न राज्यों में आयोजित होंगे कार्यक्रम
-27 अगस्त को स्मृति स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन नेमिष हेमंत, नई दिल्ली :
जनप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने कार्यो व विचारों से मुस्लिम समुदाय में लोकप्रिय थे। उनके निधन से मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ ही समुदाय के लोग मर्माहत दिखे और कहा कि देश ने एक सच्चा सपूत खो दिया जो सच्चे अर्थो में इंसानियत के लिए जीता था।
यही कारण रहा कि शुक्रवार को दीन दयाल उपाध्याय मार्ग से राष्ट्रीय स्मृति स्थल तक की अटल की अंतिम यात्रा में जगह-जगह भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग उपस्थित नजर आए और जब यात्रा नजदीक पहुंची तो गुलाब की पंखुड़ियों के साथ नम आंखों से उनको विदाई दी।
अटल के इसी विचारों को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मुस्लिम समुदाय के बीच ले जाने की तैयारी की है। इसके लिए मंच पूरे वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसमें जगह-जगह विचार गोष्ठी समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय के लिए अटल सरकार की ओर से चलाई गई योजनाओं, कश्मीर में शांति और पाकिस्तान से संबंध सुधारने के प्रयासों का ब्योरा देते हुए पुस्तिका भी बांटे जाएंगे।
मंच ने 27 अगस्त को स्मृति स्थल जहां वाजपेयी पंचतत्व में विलीन हुए, वहां बड़ा श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करने की भी तैयारी की है, जिसमें काफी संख्या में देश के विभिन्न भागों से मुस्लिम समुदाय के लोगों के उपस्थित होने का दावा किया है।
इस बारे में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अफजाल अहमद ने कहा कि सही अर्थो में अटल जी पूरे देश के सर्वमान्य नेता थे। वह महजब से ऊपर उठकर इंसानियत की बात करते थे। उनके लिए देश प्रथम था। इसलिए वह सभी को आगे बढ़ाना चाहते थे। उन्होंने मुस्लिम समुदाय को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिए बतौर प्रधानमंत्री काफी प्रयास किए। कश्मीरी में अमन-शांति लाने के लिए और पाकिस्तान से संबंध सुधारने का रास्ता खुद आगे बढ़कर निकालने का प्रयास किया। अफजाल ने कहा कि मोदी सरकार ने भी तीन तलाक व हलाला जैसे कुरीतियों पर वोट बैंक से आगे बढ़कर अपना रुख तय कर स्पष्ट किया है कि उसके लिए देश प्रथम है। तब भी मुस्लिम समुदाय के वंचित तबके को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। इसके लिए केंद्र से वाजपेयी की नीतियों पर चलते हुए रास्ता तलाशने की मांग भी रखी जाएगी।