लुटेरों ने ही मारी एएसआइ को गोली, नहीं थी किसी से दुश्मनी
उत्तरी दिल्ली के कोतवाली थाना अंतर्गत लोहे के पुल के पास बृहस्पतिवार रात बुलेट सवार बदमाशों ने ही दिल्ली पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) बेदी राम को लूटपाट का विरोध जताने पर गोली मारी थी। उनका किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। परिजनों ने दुश्मनी की बात से इंकार किया है।
- फजीहत से बचने के लिए पुलिस अधिकारी ने दिया था मनगढं़त बयान
- परिजनों ने किसी भी तरह की दुश्मनी होने से किया इन्कार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली के कोतवाली थाना अंतर्गत लोहे के पुल के पास बृहस्पतिवार रात बुलेट सवार बदमाशों ने ही दिल्ली पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआइ) बेदी राम को लूटपाट का विरोध जताने पर गोली मारी थी। उनकी किसी से दुश्मनी नहीं थी। परिजनों ने दुश्मनी की बात से इन्कार किया है।
पुलिसकर्मी के साथ लूटपाट व गोली मारने की घटना ने दिल्ली की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने उत्तरी जिला पुलिस के प्रति गहरी नाराजगी जाहिर की है। घटना के दो दिन बीत गए, अब तक पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
घटनास्थल के पास ही पुलिस चौकी है, बावजूद इसके आए दिन राहगीरों के साथ लूटपाट व छीना झपटी की घटनाएं होती हैं। पिछले साल कुछ विदेशी नागरिकों के साथ भी लूटपाट की घटनाएं हो चुकी हैं। उधर एम्स में भर्ती एएसआइ बेदी राम की हालत नाजुक है। इसलिए कोतवाली पुलिस ने उनका बयान दर्ज नहीं किया है। जांच के लिए पुलिस की दो टीमें बनाई गई हैं, जो अलग-अलग पहलुओं पर जांच रही हैं।
48 वर्षीय बेदी राम की तैनाती हजरत निजामुद्दीन थाने में है। वह परिवार के साथ सीलमपुर में रहते हैं। गुरुवार रात ड्यूटी खत्म करने के बाद जब अपनी बाइक से घर जा रहे थे, तब लोहे वाला पुल के पास बुलेट सवार दो बदमाशों ने उन्हें रोक लिया। वह पुलिस की वर्दी नहीं पहने थे। पर्स व मोबाइल लूटने पर जब उन्होंने विरोध जताया और खुद को पुलिसकर्मी बताया, तो जान से मारने की नीयत से उनपर गोली चला दी थी। गोली उनके पेट में लगी। 15 मिनट तक वह मौके पर ही तड़पते रहे। बाद में वहां से गुजरने वाले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कर्मचारी अंकुर ने उन्हें ऑटो में से एम्स पहुंचाया। जांच में पता चला था कि घटना से कुछ ही देर पहले बदमाशों ने गोल्डन जुबली पार्क के पास एक और राहगीर से गन प्वाइंट पर 50 हजार लूट लिए थे। घटनास्थल के आसपास कहीं भी सीसीटीवी कैमरे न होने के कारण पुलिस को सुराग नहीं मिल रहा है। एएसआइ के पर्स में 1500 रुपये व महत्वपूर्ण दस्तावेज थे।