रामकथा की छांव में होगा आसियान
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संजीव कुमार मिश्र, नई दिल्ली
हरि अनंत हरि कथा अनंता। राम कथा के रूप में हरि का विस्तार इतना है कि समूचे ¨हदुस्तान से निकलकर दक्षिण एशिया के चप्पे-चप्पे में राम ही राम बसते हैं और कोने-कोने से सिया राममय सब जग जानी की ही आवाज आती है। बेशक तरीका अलग है, प्रस्तुति का स्वरूप भिन्न है और यहां तक कि भाषा भी अलग शब्दों का चुनाव कर लेती है। इसके बावजूद रामधुन में रमे मन एक सी ही आवृत्ति करते हैं और अनायास ही अनेकता में एकता की रंगत दिखा जाते हैं। राम कथा के इसी कलात्मक सौंदर्य को आसियान सम्मेलन के बहाने से भारतीय संस्कृति संबंध परिषद लोगों के सामने रखेगा और इससे सेतुबंध की ही तरह दो दिलों के बीच तारतम्य और मजबूत होगा।
भारत-आसियान शिखर सम्मेलन भारत और आसियान देशों के साथ संबंधों की नई इबारत लिखेगा। इस संबंध को राम कृपा की भी छांव मिलेगी। इस दौरान दिल्ली समेत देश के छह शहरों में रामायण महोत्सव का आयोजन होगा। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि दिल्ली में 20 से 24 जनवरी तक पांच दिवसीय रामायण महोत्सव का आयोजन होगा। इसकी शुरुआत कमानी सभागार में रामायण महोत्सव से होगी। इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसमें रामकथा के विभिन्न प्रकरण जैसे वन गमन, बाली वध आदि खास तौर पर प्रदर्शित होंगे। आसियान के दस देशों के 120 कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे। दिल्ली के अलावा अहमदाबाद, हैदराबाद, लखनऊ, अयोध्या और कोलकाता में भी राम कथा का मंचन होगा।
गौरतलब है कि 10 दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का क्षेत्रीय संगठन है आसियान जिसमें इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम, सिंगापुर, कंबोडिया, म्यामार, थाईलैंड, ब्रूनेई एवं लाओस जैसे देश शामिल हैं।
इन कथाओं का होगा मंचन
अहमदाबाद : अहमदाबाद में 22 और 23 जनवरी को थाईलैंड और मलेशिया के कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे। थाईलैंड में रामकथा रामकिन या रामकियन नाम से जानी जाती है। रामकिन से स्वर्ण मृग प्रसंग, सीता हरण व राम-रावण युद्ध का मंचन होगा। मलेशियाई कलाकार सीता स्वयंवर का मंचन करेंगे।
हैदराबाद : यहां 23 और 24 जनवरी को म्यांमार और सिंगापुर के कलाकारों के जरिये रामकथा की रंगत बिखरेगी।
म्यांमार की रामजात्तौ (रामकथा का स्थानीय नाम) से सीता स्वयंवर, भगवान राम की जन्म कथा से लोग पुलकित होंगे। इधर सिंगापुर के कलाकार अशोक वाटिका में हनुमान-सीता संवाद को सामने रखेंगे।
लखनऊ : 24 जनवरी को लखनऊ में इंडोनेशिया के कलाकारों का मंचन होगा। यहां मास्क नृत्य की अद्भुत छटा के साथ सुग्रीव-बाली युद्ध का मंचन किया जाएगा। पहली बार हो रही 20 मिनट की यह नृत्य प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र रहेगी।
अयोध्या : रामकथा की मूल भूमि और धरोहर अयोध्या में यहां 24 एवं 25 जनवरी को थाईलैंड और इंडोनेशिया के कलाकार मंचन करेंगे। राम-रावण युद्ध व सुग्रीव-बाली युद्ध की जीवंत मंच होगा।
कोलकाता : 26 जनवरी को यहां फिलीपींस और ब्रुनेई के कलाकार रामकथा का सबसे मार्मिक अंश सामने रखेंगे। ब्रुनेई के कलाकार रामायण पर अपने देश का विशेष नृत्य पेश करेंगे तो फिलीपींस के कलाकार सीता की अग्नि परीक्षा की कथा को आयाम देंगे।