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केजरीवाल, सिसोदिया समेत आप के 13 विधायकों के खिलाफ आरोप पत्र दायर

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसुलूकी व मारपीट मामले में दिल्ल्

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 09:20 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 09:20 PM (IST)
केजरीवाल, सिसोदिया समेत आप के 13  विधायकों के खिलाफ आरोप पत्र दायर
केजरीवाल, सिसोदिया समेत आप के 13 विधायकों के खिलाफ आरोप पत्र दायर

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसुलूकी व मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व 11 अन्य विधायकों के खिलाफ सोमवार को पटियाला हाउस की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 13 अलग-अलग धाराओं में आरोप पत्र दायर किया गया है। 1533 पन्ने के आरोप पत्र में पुलिस ने घटना के समय मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे सेवनिवृत्त आइएएस वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाते हुए 24 लोगों को गवाह बनाया है।

पटियाला हाउस कोर्ट में सांसदों व विधायकों के मामलों के लिए निर्धारित एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया है। 25 अगस्त को अदालत इसपर संज्ञान लेगी। दैनिक जागरण ने 28 जून के अंक में सबसे पहले खबर प्रकाशित कर बताया था कि मुख्य सचिव के साथ मारपीट मामले में मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को भी आरोपित बनाया जाएगा। इस मामले में आरोप पत्र काफी समय पहले तैयार कर लिया गया था, लेकिन मीडिया में आरोप पत्र की बात लीक हो जाने से पुलिस ने जानबूझकर कोर्ट में दायर करने में देरी की। अंशु प्रकाश समेत छह आइएएस हैं मुख्य गवाह

मारपीट की घटना का शिकार हुए मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को केस में मुख्य गवाह बनाया गया है। इनके अलावा घटना के समय मौजूद रहे मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया गया है। वहीं, चार अन्य आइएएस अधिकारी, जो कभी न कभी मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों के बुरे बर्ताव का शिकार हुए हैं, उन्हें भी मुख्य गवाह बनाया गया है। एडिशनल डीसीपी का दावा है कि पुलिस ने पर्याप्त सुबूतों के तहत आरोप पत्र दायर किया है, जो आरोपितों को सख्त सजा दिलाने के लिए पर्याप्त है। आरोप पत्र में हैं ये नाम

मुख्यमंत्री केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के साथ ही जिन विधायकों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है उनमें ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खान, जनकपुरी के राजेश ऋषि, वजीरपुर के राजेश गुप्ता, किराड़ी के ऋतुराज गोविंद, कस्तूरबा नगर के मदन लाल, जंगपुरा के प्रवीण कुमार, संगम विहार के दिनेश मोहनिया, बुराड़ी के संजीव झा, अंबेडकर नगर के अजय दत्त, लक्ष्मी नगर के नितिन त्यागी व देवली के विधायक प्रकाश जारवाल शामिल हैं। घटना के 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इन दोनों पर बैठक में अंशु प्रकाश के साथ मारपीट करने का आरोप है। कुछ दिन जेल में रहने के बाद इन्हें जमानत मिल गई थी। मुख्यमंत्री आवास में किया गया था मुख्य सचिव पर जानलेवा हमला

एडिशनल डीसीपी उत्तरी जिला हरेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक, आरोप पत्र में इस बात को मजबूती से रखा गया है कि सभी ने आपराधिक साजिश रचकर मुख्य सचिव को आधी रात में मुख्यमंत्री के आवास पर बुलाया और बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की गई। हमले में उनकी जान भी जा सकती थी। विगत 19 फरवरी की आधी रात साजिश के तहत मुख्यमंत्री केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर बुलाकर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की जमकर पिटाई की गई और उनके साथ दु‌र्व्यवहार भी किया गया था। उस रात मुख्यमंत्री आवास में केजरीवाल, सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 अन्य विधायक मौजूद थे। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के सामने सारी घटना घटी थी। आइपीसी की इन धाराओं के तहत दायर किया गया है आरोप पत्र दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत 13 विधायकों पर भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की 13 धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया है। इन धाराओं के तहत अधिकतम सात साल सजा का प्रावधान है। वारदात के समय पुलिस ने आठ धाराएं ही लगाई थीं, लेकिन जांच के बाद आरोप पत्र में पांच अन्य धाराएं भी जोड़ दी गई। इनमें कई धाराएं गैर जमानती हैं। बावजूद इसके पुलिस ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री समेत नौ अन्य विधायकों को मामले में गिरफ्तार किए बगैर ही आरोप पत्र दायर कर दिया है। पुलिस अब कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद 11 आरोपितों को गिरफ्तार करेगी।

धारा- व्याख्या -सजा

186-सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना-तीन महीना

323-मारपीट--एक साल

332-सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाना--तीन साल

342--गलत नीयत से बंधक बनाना--एक साल

353--सरकारी कर्मचारी के साथ कामकाज के दौरान मारपीट करना--दो साल

504-शांति भंग करना--दो साल

506बी-जान से मारने की धमकी देना--सात साल

120बी: आपराधिक साजिश रचने--अपराध के अनुरुप सजा

109--गलत काम करने के लिए प्रेरित करना-अपराध के अनुरुप

114-अपनी मौजूदगी में गलत काम करने के लिए उकसाना-अपराध के अनुरूप

149--दंगा करना - अपराध के अनुरूप सजा

34 व 36 -अपराध करने को कई लोगों के एक जैसी नीयत होना-अपराध के अनुरूप यह है मामला

19 फरवरी की रात 8.45 बजे मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन ने मुख्य सचिव को फोन कर कहा था कि दिल्ली सरकार के तीन साल पूरा होने पर टीवी विज्ञापन के प्रसारण से संबंधित दिक्कतों के मद्देनजर बातचीत के लिए उन्हें रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचना है। वहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री उनसे विचार-विमर्श करेंगे। इससे पहले शाम 6.55 बजे भी जैन ने मुख्य सचिव को सचिवालय में अपने पास बुलाकर कहा था कि यदि टीवी विज्ञापन प्रसारण संबंधी मुद्दा नहीं सुलझा तो उन्हें रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर आना होगा। उस समय मुख्य सचिव ने जैन को कहा था कि वह उपमुख्यमंत्री को भी स्पष्ट कर चुके हैं कि विज्ञापन जारी किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। 19 फरवरी की रात 11.20 बजे तीसरी बार जैन ने मुख्य सचिव को फोन कर पूछा था कि वह घर से निकल चुके हैं या नहीं। इसके बाद मुख्य सचिव कार से चालक और अपने पीएसओ के साथ आधी रात को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। वहां वह पहले वीके जैन से मिले। जैन उन्हें एक कमरे में ले गए जहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित 11 विधायक व अन्य लोग बैठे थे। वहां जाते ही मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि सारे विधायक उनसे सरकार के तीन वर्ष पूरा होने पर विज्ञापन कार्यक्रम के संबंध में पूछ रहे हैं। विधायकों के सवालों का वह जबाव दें। इसपर अंशु प्रकाश ने कहा था कि सभी अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों से बंधे हुए हैं। किसी भी विज्ञापन का प्रसारण कोर्ट के दिशा-निर्देश के तहत ही हो सकता है। मुख्य सचिव का आरोप है कि उनके ऐसा कहते ही कमरे में मौजूद विधायकों ने उनसे गालीगलौच शुरू कर दी और अमानतुल्लाह खान समेत अन्य ने उनके साथ मारपीट भी की। सिर और चेहरे पर मुक्का व थप्पड़ मारने से उनका चश्मा जमीन पर गिर गया था। मुख्य सचिव ने रात में ही उपराज्यपाल व पुलिस से इसकी शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि साजिश के तहत उनकी पिटाई की गई है। उनकी जान को खतरे में डाला गया। वारदात के दौरान किसी ने भी उनका बचाव नहीं किया।


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