Ban Firecrackers in Delhi: ध्यान दें दिल्ली वाले, इस दिवाली में भी नहीं फोड़ पाएंगे पटाखे; सरकार ने लगाया बैन
Delhi govt ban crackers मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर इस साल भी दिल्ली में दिवाली त्योहार के अवसर पर राजधानी में किसी भी तरह के पटाखे जलाने पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर इस साल भी दिल्ली में दिवाली के अवसर पर किसी भी तरह के पटाखे जलाने और फोड़ने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को ट्वीट कर दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध की जानकारी लोगों से साझा की है। उन्होंने कहा है कि पिछले 3 साल से दिवाली के समय दिल्ली के प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल व्यापारियों द्वारा पटाखों के भंडारण के पश्चात प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए देर से पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया, जिससे व्यापारियों का नुकसान हुआ था। सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए किसी भी तरह का भंडारण न करें।
वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए लिया फैसला
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में वायु प्रदूषण के उच्च स्तरों का भौगोलिक दायरा बढ़ा है। खासकर सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाता है। हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा पराली जलाने के कारण दिल्ली-एनसीआर में कई महीनों तक वायु गुणवत्ता स्तर खतरनाक श्रेणी में बना रहता है। पिछले बार की तरह इस बार भी अप्रैल-मई महीने लॉकडाउन भी बेअसर रहा, इस दौरान भी AQI ने लोगों को परेशान किया।
बता दें कि बढ़ते प्रदूषण के चलते दिवाली के दिन पिछले साल भी दिल्ली-एनसीआर समेत इससे सटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था। यह अलग बात है कि दिवाली की शाम इन प्रतिबंधों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं थीं। इसका असर यह हुआ कि पहले से खराब दिल्ली की हवा और खराब हो गई और गंभीर स्थित में पहुंच गई। जगह-जगह एक्यूआई बढ़ता चला गया। पटाखों के जलाने से दिवाली की राहत ही वायु गुणवत्ता स्तर 500 के आसपास पहुंच गया था। दूसरे दिन भी हालात कुछ खास ठीक नहीं थे।
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