हम पाकिस्तान हैं क्या ? पैरामिलिट्री भेजने की क्या जरूरत हैः केजरीवाल
8 जून को केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बल भेजकर हमारी एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) पर कब्जा कर लिया। मुझे बहुत दुख हुआ। हम पाकिस्तान हैं क्या? हमारे ऊपर पैरामिलिट्री भेजने की क्या जरूरत है। हिम्मत है तो पाकिस्तान पर दिखाओ ना, मैं तो मरा-कुचला मुख्यमंत्री हूं।
नई दिल्ली। दिल्ली में ऐतिहासिक बहुमत से सत्ता में आई केजरीवाल सरकार रविवार 14 फरवरी को एक साल पूरे कर रही है। बड़े-बड़े वादों और एकदम नए तेवर-कलेवर के साथ मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल पूरे साल चर्चा में रहे। विवाद भी उठे, उन्होंने पलटवार भी किया और दिल्ली से बाहर बिहार तक जाकर राजनीति भी की। अपने अब तक के काम-काज और भविष्य की तैयारी पर उन्होंने दैनिक जागरण राष्ट्रीय ब्यूरो के विशेष संवाददाता मुकेश केजरीवाल और दिल्ली के इनपुट हेड सर्वेश कुमार के साथ खुलकर चर्चा की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश...।
मैं नेपोलियन नहीं जो घोड़े पर बैठ कर दुनिया जीतने चलाः केजरीवाल
आप अफसर थे, सामाजिक कार्यकर्ता बने, फिर नेता बने। अब आप खुद को किस रूप में पहचाना जाना चाहेंगे?
मेरी पहचान महत्वपूर्ण नहीं है। हम भ्रष्टाचार दूर करने के मकसद से लड़ रहे हैं। इसी लड़ाई में नियति, जनता और भगवान ने जो रास्ता दिखाया, उस पर चल पड़े। मैं अब भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा एक आम आदमी हूं। पिछले एक साल का अनुभव भी यही रहा है। पहले सरकार बहाना करती थी कि पैसे नहीं हैं मगर कमी पैसे की नहीं सिर्फ नीयत की है। अपने यहां सरकारी काम पूरा होते-होते लागत दो से तीन गुना तक बढ़ जाती है और समय भी। मगर हमने पिछले दिनों तीन फ्लाईओवर का काम समय से पहले पूरा करवाया है और इसमें साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये बचा लिए।
आपने चुनाव से पहले जो वादे किए थे..
-सब याद हैं। हमारे 70 वादे थे। हमने बिजली बिल आधा करने और पानी मुफ्त करने का वादा किया था तो हमारा मजाक उड़ाया गया कि पैसे कहां से आएंगे। सरकार बनने के एक महीने के अंदर कर दिखाया। भ्रष्टाचार रोक कर जो पैसे बचाए, उसी से सब्सिडी दे दी।
मगर अर्थशास्त्री संसाधनों को मुफ्त देने को गलत बताते हैं?
-जब हमने किया तो सबने कहा कि यह तो लोकप्रियता हासिल करने की चाल है, इसको अर्थव्यवस्था की समझ नहीं। दिल्ली जब बोर्ड को डुबा देगा, मगर दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व पिछले साल के मुकाबले 176 करोड़ ज्यादा आया है। राजस्व भी बढ़ा और पानी भी फ्री हुआ। इसी तरह कहा जा रहा था पानी फ्री होगा तो बर्बादी होगी। मगर अब तीस लाख गैलन पानी प्रतिदिन की बचत होने लगी है। इससे सवा लाख लोगों को पानी अतिरिक्त दे सकते हैं।
फ्री वाईफाई का क्या हुआ?
-हम फ्री वाईफाई को अब तक लागू नहीं कर पाए हैं। दरअसल हम जितना आगे बढ़ रहे हैं, उतने ही नए-नए मॉडल्स सामने आ रहे हैं इसे बनाने के। ऑप्टिकल फाइबर और हॉटस्पॉट जैसे कई मॉडल्स हैं। कुछ में जीरो लागत है तो कुछ में हमें राजस्व भी मिल रहा है। दो-तीन महीने में तय हो जाएगा कि हम क्या मॉडल अपनाएंगे।
आपने भ्रष्टाचार घटाने का वादा किया था..?
सब जानते हैं कि जब हमारी 49 दिन की सरकार थी, भ्रष्टाचार पूरी तरह बंद हो गया था। इस बार भी चार महीने तक किसी ने पैसे लेने की हिम्मत नहीं की। एक एसएमएस भी आ जाए तो तुरंत जांच करवा कर जेल भेज देते थे। मगर 8 जून को केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बल भेजकर हमारी एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) पर कब्जा कर लिया। मुझे बहुत दुख हुआ।
हम पाकिस्तान हैं क्या? हमारे ऊपर पैरामिलिट्री भेजने की क्या जरूरत है। हिम्मत है तो पाकिस्तान पर दिखाओ ना, मैं तो मरा-कुचला मुख्यमंत्री हूं।
दिल्ली में भ्रष्टाचार बढ़ा है?
दिल्ली सरकार के विभागों की तो मैं गारंटी ले सकता हूं। मगर एमसीडी, डीडीए, एनडीएमसी. इनमें चल रहा है। अगर कोर्ट के फैसले के बाद एसीबी दिल्ली सरकार को मिल गई तो एक हफ्ते के अंदर दिल्ली में भ्रष्टाचार को पूरी तरह समाप्त कर देंगे।