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Delhi Crime: एनसीआर के इस बड़े मॉल में दुकान देने के नाम 60 करोड़ की ठगी, निदेशक गिरफ्तार

नेताजी सुभाष थाना पुलिस ने कई लोगों से करोड़ों की ठगी के मामले के आरोपित रियल इस्टेट कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान प्रमोद गोयल के रुप में हुई है।

By Edited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 09:37 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 09:50 AM (IST)
Delhi Crime: एनसीआर के इस बड़े मॉल में दुकान देने के नाम 60 करोड़ की ठगी, निदेशक गिरफ्तार
Delhi Crime: एनसीआर के इस बड़े मॉल में दुकान देने के नाम 60 करोड़ की ठगी, निदेशक गिरफ्तार

नई दिल्ली, जेएनएन।  दिल्‍ली एनसीआर के इस बड़े मॉल में दुकान देने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। यह मामला है गाजियाबाद के इंदिरापुरम का। एनएच -24 से सटे इंदिरापुरम के हैबिटेट सेंटर में दुकान खरीदने और बेचने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। अभी तक यह केस 60 करोड़ की ठगी का हाई प्रोफाइल मामला बन चुका है।

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रियल एस्‍टेट कंपनी के डायरेक्‍टर गिरफ्तार
नेताजी सुभाष प्लेस थाना पुलिस ने कई लोगों से करोड़ों की ठगी के मामले के आरोपित रियल एस्टेट कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान प्रमोद गोयल के रूप में हुई है। आरोपित की तीन दिन की पुलिस रिमांड की अवधि समाप्त होने पर शुक्रवार को रोहिणी कोर्ट के मुख्य महानगर दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उसकी जमानत की अर्जी को खारिज करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

30 से ज्‍यादा लोगों से हो चुकी है ठगी
आरोपित के खिलाफ नेताजी सुभाष प्लेस थाने में दो लोगों ने अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई थी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उसके खिलाफ अब तक 30 से ज्‍यादा लोगों ने ठगी के आरोप में शिकायतें दी हैं। कुल मिलाकर अभी तक उस पर 60 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है।

कंपनी करा रही है हैबिटेट सेंटर का निर्माण
जानकारी के मुताबिक गुरुग्राम निवासी गौतम यादव ने नेताजी सुभाष प्लेस थाने में इसी साल 16 मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि प्रमोद गोयल की रियल एस्टेट कंपनी इंदिरापुरम के अहिंसा खंड के फेज एक में इंदिरापुरम हैबिटेट सेंटर के नाम से आवासीय व वाणिज्यिक परिसर निर्माण करा रही है।

किया था हर माह पैसे देने का वादा 
इसमें उन्होंने 2016 में एक करोड़ रुपये में एक दुकान खरीदी थी। पीड़ित के मुताबिक, कंपनी ने दुकान खरीदते समय निर्माण पूरा होने पर हर माह लाभ के रूप में एक निश्चित रकम देने का वादा किया था। ऐसे में पीड़ित ने तब पूरा भुगतान कर दिया। इसके बदले में कंपनी की तरफ से ब्लैंक चेक दिए गए, ताकि लाभ की रकम उन्हें मिलती रहे।

बाउंस हुए चेक तो खुला राज
कुछ समय तक तो रकम मिलती रही, लेकिन बाद में चेक बाउंस होने शुरू हो गए। इसके बाद पीड़ित ने कंपनी के निदेशकों से शिकायत करनी शुरू कर दी, लेकिन चेक बाउंस होते रहे। इस बीच पीड़ित को पता चला कि वह दुकान किसी मुकेश नाम के व्यक्ति को बेच दी गई है। इसी दौरान पंकज भसीन नाम के व्यवसायी ने भी इसी कंपनी पर डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाते हुए शिकायत दीं।

समझौते के नाम पर बुलाया और किया गिरफ्तार
पुलिस ने उनकी शिकायत के आलोक में भी प्राथमिकी दर्ज कर ली। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एसआइ कुलदीप की टीम को सौंपी गई। ऐसे में पुलिस ने 18 मार्च को आरोपित को फोन कर पीड़ित से समझौते के नाम पर सुभाष प्लेस स्थित कंपनी के आफिस में बुलाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक इस कंपनी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में भी धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज है।


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