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नजफगढ़ में सशस्त्र पुलिसकर्मियों का पहरा, तीसरी आंख भी रख रही नजर

नजफगढ़ की फिरनी रोड को दिल्ली देहात का प्रवेश द्वार कहा जाता है। फिरनी रोड से पांच अलग अलग दिशा में निकलने वाली सड़कें क्षेत्र के करीब सौ गांवों को दिल्ली के शहरी क्षेत्र से जोड़ने का काम करती है। पुलिस का मानना है कि यदि फिरनी रोड पर सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया जाए तो इसका असर क्षेत्र के दूर दराज के इलाके तक पड़ेगा। इस दिशा में कार्य करते हुए पुलिस ने फिरनी रोड की सुरक्षा को लेकर रणनीति तैयार किया है। पुलिस की गंभीरता को इस मसले पर इसी से समझा जा सकता है कि रोजाना उपायुक्त रैंक के एक अधिकारी यहां की व्यवस्था का जायजा लेने रोजाना पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों ने पुलिस की सक्रियता की सराहना की है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 10:01 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 10:01 PM (IST)
नजफगढ़ में सशस्त्र पुलिसकर्मियों का पहरा, तीसरी आंख भी रख रही नजर
नजफगढ़ में सशस्त्र पुलिसकर्मियों का पहरा, तीसरी आंख भी रख रही नजर

गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली

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नजफगढ़ की फिरनी रोड को दिल्ली देहात का प्रवेश द्वार कहा जाता है। फिरनी रोड से पांच अलग-अलग दिशा में निकलने वाली सड़कें क्षेत्र के करीब सौ गांवों को दिल्ली के शहरी क्षेत्र से जोड़ने का काम करती है। पुलिस का मानना है कि यदि फिरनी रोड पर सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया जाए तो इसका असर क्षेत्र के दूर दराज के इलाके तक पड़ेगा। इस दिशा में कार्य करते हुए पुलिस ने फिरनी रोड की सुरक्षा को लेकर रणनीति तैयार किया है। पुलिस की गंभीरता को इस मसले पर इसी से समझा जा सकता है कि रोजाना उपायुक्त रैंक के एक अधिकारी यहां की व्यवस्था का जायजा लेने रोजाना पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों ने पुलिस की सक्रियता की सराहना की है।

व्यवस्था के तहत फिरनी रोड पर छह ऐसे स्थान जहां लोग व वाहनों की सर्वाधिक आवाजाही होती है, वहां मोर्चा लगाए गए हैं। ये मोर्चे छावला स्टेंड, ढांसा स्टेंड, नांगलोई स्टेंड, फर्नीचर मार्केट, दिल्ली गेट व गोशाला रोड पर लगाए गए हैं। मोर्चा पर एक सशस्त्र पुलिसकर्मी की डयूटी सुबह छह बजे से लेकर रात 12 बजे तक होती है। इसके अलावा 24 मोटरसाइकिल का दस्ता फिरनी रोड पर सुबह छह बजे से देर रात तक नियमित तौर पर गश्त करता रहता है। पुलिस का एक प्रखर वैन भी फिरनी रोड पर गश्त करता रहता है। दो पीसीआर थाने के पास हमेशा तैनात रहती है। पुलिस अधिकारी मोर्चा हो या मोटरसाइकिल स्क्वायड या फिर प्रखर व पीसीआर, सभी स्त्रोतों से स्थिति की जानकारी लेते रहते हैं। आंख कान योजना से लोगों को जोड़ा जा रहा

दिल्ली पुलिस की आंख कान योजना से क्षेत्र के करीब 900 लोगों को पुलिस जोड़ चुकी है। ये लोग पुलिस की आंख व कान बनकर सूचना थाने में पहुंचाते हैं। इनकी पहचान पुलिस गुप्त रखती है। समय समय पर पुलिस अधिकारी इन तमाम 900 लोगों से बातचीत कर उन्हें समझाते रहते हैं कि किस तरह के मामलों या संदिग्ध गतिविधि पर उन्हें नजर रखनी है और पुलिस को बताना है। तीसरी आंख का भी पहरा

फिरनी रोड को पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की जद में लेने का प्रयास शुरू कर दिया है। स्थानीय थाना प्रभारी सुनील मित्तल का दावा है कि फिरनी रोड का अधिकांश हिस्सा तीसरी आंख की जद में है। ऐसा हिस्सा जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं, वहां कैमरे लगाने का प्रयास किया जा रहा है। बॉक्स

हाल के समय में नजफगढ़ क्षेत्र में अपराध का ग्राफ उपर उठा है। अपराधियों द्वारा लोगों को धमकाने के इरादे से बीच सड़क पर गोली चलाने के मामले को देखते हुए पुलिस इन उपायों के माध्यम से जनता के बीच इस बात का संदेश देना चाहती है कि पुलिस उनके बीच उनकी सुरक्षा के लिए मौजूद है। बॉक्स

द्वारका जिला पुलिस ने नजफगढ़ क्षेत्र के लिए विशेष रणनीति तैयार की है। रणनीति के तहत ही तमाम उपाय किए गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी हमारे लिए अहम हैं। हाल में कई अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने में भी कामयाबी पाई है।

एंटो अल्फोंस, उपायुक्त, द्वारका जिला पुलिस


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