'ब्रिटिश कॉलोनियल थे, लेकिन मुगल राज ने कल्चरल और मानसिक गुलामी थोपी', गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान के बयान से सियासत गरम
ब्रिटिश शासन औपनिवेशिक था, पर मुगल शासन सांस्कृतिक रूप से अधिक हानिकारक था, ऐसा बिहार के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान का मानना है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय क ...और पढ़ें

ब्रिटिश शासन औपनिवेशिक था, पर मुगल शासन सांस्कृतिक रूप से अधिक हानिकारक था, ऐसा बिहार के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान का मानना है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ब्रिटिश राज साफ तौर पर कॉलोनियल था, लेकिन मुगल राज कल्चरल और मानसिक लेवल पर और भी ज़्यादा नुकसानदायक था। दुनिया ने रिलीजन का मतलब धर्म कर दिया है, जो मुझे सही नहीं लगता। धर्म असल में ड्यूटी और अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के बारे में है। धर्म का असली मतलब है हालात के हिसाब से अपने काम तय करना। धर्म का नियम-कानून होना भारतीय विश्वास के खिलाफ है।
बिहार के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स (IGNCA) में हुई किताब "भारत: दैट इज इंडिया रिक्लेमिंग अवर रियल आइडेंटिटी" के लॉन्च सेरेमनी में भारतीय इतिहास के असेसमेंट की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा कल्चर है जो हर इंसान में भगवान देखने की वकालत करता है। देश को यूरोपियन स्टैंडर्ड से डिफाइन करने के खिलाफ सलाह देते हुए गवर्नर ने कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा इतनी महान है कि इस्लामिक परंपरा में भी पैगंबर ने भारत की धरती से ज्ञान की ठंडी हवा महसूस की थी। इतिहास को समझना देश के प्रति हमारा कर्तव्य है।
सेरेमनी के स्पेशल गेस्ट, इंडिया फाउंडेशन के प्रेसिडेंट डॉ. राम माधव ने बताया कि देश एक बड़े बदलाव से गुज़र रहा है। उन्होंने कॉन्स्टिट्यूएंट असेंबली की बहसों का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत नाम संविधान में पूरे दिल से नहीं बल्कि एक समझौते के नतीजे में शामिल किया गया था।
इस मौके पर IGNCA के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. सचिदानंद जोशी ने कहा कि यह किताब भारत के सार और पहचान को समझने में मदद करती है। लेखक अभिजीत जोग ने कहा कि यह किताब हमें 'मैकाले मेंटैलिटी' से आज़ाद कराने की एक छोटी सी कोशिश है। इस हाई-लेवल आइडियोलॉजिकल डिस्कशन में बड़ी संख्या में स्कॉलर्स और रिसर्चर्स ने हिस्सा लिया।

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