मिजोरम व मणिपुर में अलकायदा का बेस कैंप बनाने की थी योजना
- दिल्ली में रहने वाले रो¨हग्या मुस्लिमों को अलकायदा आतंकी बनाने दिल्ली आया था समीउन - लैपट
त्योहार से पहले राजधानी में अलकायदा आतंकी के पकड़े जाने को स्पेशल सेल समेत सुरक्षा एजेंसियां बड़ी कामयाबी मान रही हैं। आतंकी समी-उन-रहमान ने अपने जिस मकसद का खुलासा किया है, उससे रो¨हग्या प्रकरण पर बहस और तेज होगी। अलकायदा ने समी को भारत में अपना बेस बनाने व रो¨हग्या मुसलमानों को ब्रेन वॉश कर आतंकी बनाने के लिए भेजा था।
उसकी योजना भारत में पहले मिजोरम और फिर मणिपुर में अलकायदा के लिए बेस कैंप बनाने की थी। स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक 2014 में समी ने बांग्लादेश के चिटगांव में बेस कैंप बनाने की कोशिश की थी। यहां से म्यांमार की सीमा काफी नजदीक है। इस गतिविधि का पता चलने पर बांग्लादेश पुलिस ने उसे दो अन्य आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया था। जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद वह पहले बिहार के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र किशनगंज व झारखंड में कई जगहों पर गया। मदरसों में घूम-घूम कर उसने मुस्लिम युवकों को ब्रेन वॉश कर उन्हें अलकायदा ज्वाइन कराने की कोशिश की। इसके बाद समी दिल्ली आया और यहां कई मुस्लिम युवकों के संपर्क में था। स्पेशल सेल ने आशंका जताई है कि आतंकी दिल्ली में युवकों का ब्रेन वॉश कर रहा था।
लैपटॉप में मिली 300 मुस्लिम युवाओं की डिटेल
समी के पास उसका लैपटॉप व मोबाइल जब्त किया गया है। इन दोनों में से 300 मुस्लिम युवाओं के नाम व नंबर मिले हैं। इनमें बड़ी संख्या में दिल्ली के मुस्लिम भी शामिल हैं। सेल सभी नंबरों की जांच कर रही है। समी दिल्ली के अलावा दक्षिण व पश्चिम भारत समेत बांग्लादेश के कई लोगों के संपर्क में भी था।
इंटरसेप्शन से जानकारी मिली थी कि समी पर अलकायदा की ओर से भारत में जल्द बेस कैंप बनाने का दबाव था।
आकाओं के संपर्क में रहने के लिए चैट व अन्य इंटरनेट सेवाएं प्रयोग करता था, ताकि सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर न आ सके।