कांग्रेस मुख्यालय पर सिखों का प्रदर्शन
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : शिरोमणि अकाली दल (शिअद-बादल) ने 19
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : शिरोमणि अकाली दल (शिअद-बादल) ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में मारे गए सिखों को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, उनके पति व शिअद बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल व अन्य अकाली नेताओं को हिरासत में लेकर पुलिस तुगलक रोड थाने में ले गई। थाने में भी उन्होंने नारेबाजी की और सिख विरोधी दंगे के दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की।
शनिवार सुबह गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में अरदास करने के बाद बादल के नेतृत्व में सिखों ने रोष मार्च शुरू किया। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार रोष मार्च को जंतर-मंतर जाना था, लेकिन प्रदर्शनकारी प्रेस क्लब होते हुए जनपथ की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वे कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के निवास दस जनपथ के नजदीक पहुंच गए। वहां पर नारेबाजी करने के बाद प्रदर्शनकारी कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर धरने पर बैठ गए। वहां से पुलिस अकाली नेताओं को हिरासत में लेकर तुगलक रोड थाने ले गई। कुछ देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
बादल ने कहा कि सिख समुदाय बीते 34 सालों से न्याय की माग कर रहा है। दंगों में हजारों सिखों की हत्या कर दी गई थी। महिलाओं से दुष्कर्म किए गए। सिखों ने अपना घर-बार सब कुछ खो दिया था। सिखों पर यह अत्याचार भारतीय इतिहास में काले धब्बे की तरह हैं। सिख आज भी इंसाफ के लिए भटक रहे हैं।
जीके ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के इशारे पर सिखों का कत्लेआम किया गया, यदि उसी समय दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज हो जाता तो पीड़ित परिवारों को इंसाफ मिल जाता। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से पीड़ित परिवारों को इंसाफ देने की मांग की। उन्होने कांग्रेस अध्यक्ष से जगदीश टाइटलर व सज्जन कुमार को पार्टी से निकालने और इनके खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग की है।
प्रदर्शन में पंजाब के अकाली सांसद प्रेस सिंह चंदू माजरा, बलविंदर सिंह भूंदड़, दिल्ली के राजौरी गार्डन के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा सहित अन्य अकाली नेता मौजूद थे।