एयर एंबुलेंस हादसा: क्रैश लैंडिंग के पहले पायलट ने 3 बार 'Mayday' क्यों कहा
तीन बड़ी मुश्किलों को पार कर सही मायने में एयर एंबुलेंस का पायलट असल हीरो बन गया। आखिर क्या थीं चुनौतियां और पायलट ने इन चुनौतियों का कैसे किया सामना।
नई दिल्ली [ रमेश मिश्र ] । अगर आप विमान में सवार है तो 'Mayday' का मतलब जरूर जानिए। 'Mayday' पायलट का कोड वर्ड है। इसका मतलब है कि विमान का गिरना तय है। इस कोड को पायलट हवाई यात्रा के दौरान आपात काल में बोलता है। इसे आपातकाल काल कोड भी कह सकतेे हैं। इस शब्द को पायलट तीन बार बोलता है। मंगलवार को भी एयर एंंबुलेंस के आपात लैंडिंंग के दौरान भी पायलट ने लैंडिग से पहले बोला था, 'Mayday' यानी विमान गिरना तय है।
3 बड़ी बाधाओं को पार कर पायलट बन गया असल हीरो
क्रैश लैंडिंग हुए एयर एंबुलेंस के पायलट ने तीन-तीन बाधाओं को पार कर एक बड़े हादसे को टाल दिया। वरना पायलट की एक थोड़ी सी चूक सैकड़ों लोगों की जाने जा सकती थी। ऐसा करके पायलट सही मायने में असल हीरो बन गया। आखिर क्या थी बड़ी बाधा, आइए डालते हैं एक नजर।
चुनौती नंबर 1 - कैरा गांव को बचाना
पायलट की पहली चुनाती कैरा गांव थी। इस गांव की आबादी दस हजार है। आबादी से महज 500 मीटर की दूरी पर पायलट ने क्रैश लैंडिंग कराई। एेसे में पायलट को पहली प्राथमिकता गांव को बचाना था। उसने यही किया गांव को बचाने के लिए उसनेे खेत में विमान की लैंडिंग कराई।
चुनौती नंबर 2 - बिजली के तार से विमान को टकराने से बचाना
दूसरी चुनौती उससे भी बड़ी थी। इंजन के फेल होते ही तीन सौ की दूरी पर बिजली की लाइन थी। अगर विमान इससे टकराता तो सभी यात्री मारे जाते। क्योंकि तार छूते ही विमान आग की चपेट में आ जाता। इससे विमान में सवार सातों यात्री मारे जाते और विमान की आग गांव तक पहुंचती।
चुनौती नंबर 3 - पेट्रोल पंप से बचकर बचा लिया हजारोंं जीवन
उसकी तसरी चुनौती गांव के निकट का पेट्रोल पंप था। उसे विमान को पेट्रोल पंप से भी बचाना था। अगर पेट्रोल पंप पर विमान गिरता तो भी एक बड़ा हादसा होने से कोई नहीं रोक सकता था। अगर ऐसा होता कि वह पेट्रोल पंप में गिरता तो गांव में एक बड़ी तबाही से कोई नहीं रोक सकता था। इससे बड़े जानमाल का खतरा होता।
ब्रेन हैमरेज के मरीज की दोनों किडनी खराब
दिल्ली में जिस एयर एंबुलेंस की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई उसमें वीरेंद्र राय नामक मरीज सवार था। उन्हें रविवार की रात ब्रेन हैमरेज हुआ था। उपचार के लिए पटना के एक निजी अस्पताल से उन्हें गुड़गांव के मेदांता ले जाया जा रहा था। वीरेंद्र पटना के रहने वाले हैं। वीरेंद्र की दोनो किडनी खराब है। इसके बाद परिजनों ने उन्हें यहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां डाक्टरों की सलाह पर उन्हें मंगलवार को मेदांता एयर एंबुलेंस के जरिए लाया जा रहा था।