होली के हुड़दंग में घायल हुए सैकड़ों, दो की मौत
होली के दिन नशे में हुड़दंग व तेज रफ्तार में वाहन चलाना सैकड़ों लोगों पर भारी पड़ा। इस वजह से एम्स ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी में हादसा पीड़िता का तांता लगा रहा है। एम्स ट्रॉमा सेंटर में होली के दिन 502 हादसा पीड़ित इलाज के लिए पहुंचे। इसमें से दो लोगों की मौत हो गई और 21 लोग भर्ती किए गए हैं। इनमें से कईयों की हालत गंभीर बनी हुई है। एक दिन में इतने अधिक संख्या में हादसा पीड़ितों के पहुंचने से ट्रॉमा सेंटर में अफरातफरी का माहौल रहा।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : होली के दिन नशे में हुड़दंग करना और तेज रफ्तार वाहन चलाना सैकड़ों लोगों पर भारी पड़ा। इस वजह से एम्स ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी में हादसा पीड़ितों का पूरे दिन तांता लगा रहा। ट्रॉमा सेंटर में होली के दिन कुल 502 हादसा पीड़ित इलाज के लिए पहुंचे। इनमें से दो लोगों की मौत हो गई जबकि 21 लोग भर्ती किए गए हैं। इनमें भी कई की हालत गंभीर बनी हुई है। एक दिन में इतने अधिक संख्या में हादसा पीड़ितों के पहुंचने से ट्रॉमा सेंटर में अफरातफरी का माहौल रहा।
मरीजों के इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में अतिरिक्त डॉक्टर तैनात किए गए थे और सुविधाएं भी बढ़ाई गई थीं पर इतने अधिक हादसा पीड़ितों के पहुंचने से अफरातफरी हो गई। इस वजह से कई मरीजों को भर्ती नहीं लिया जा सका और उन्हें दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित करना पड़ा।
ट्रॉमा सेंटर में सामान्य दिनों में प्रतिदिन करीब 200 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख डॉ. राजेश मल्होत्रा ने कहा कि होली के दिन सामान्य दिनों के मुकाबले ढाई से तीन गुना अधिक हादसा पीड़ित ट्रॉमा सेंटर में लाए गए। ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर कहते हैं कि इनमें से ज्यादातर लोग होली के हुड़दंग व मारपीट में घायल हुए थे। इलाज के लिए पहुंचे अनेक हादसा पीड़ित शराब के नशे में भी थे। ज्यादातर लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। यह पहले भी देखा गया है कि होली के दिन ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए पहुंचने वाले हादसा पीड़ितों की संख्या बढ़ जाती है। इसके मद्देनजर इस बार भी ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी। सामान्य दिनों के मुकाबले अधिक डॉक्टर व नर्स तैनात किए गए थे।