Move to Jagran APP

कल से डॉक्टरों की हड़ताल के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क

7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के विरोध में डॉक्टर एक जून यानी कल से हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 30 May 2016 08:10 AM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 10:47 AM (IST)
कल से डॉक्टरों की हड़ताल के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क

नई दिल्ली (जेएनएन)। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के विरोध में डॉक्टर एक जून यानी कल से हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। इस बीच डॉक्टरों की बढ़ती नाराजगी और अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (फोर्डा), दिल्ली के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।

loksabha election banner

इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से 1 जून से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल को वापस लेने की अपील की और उनकी मांगें पूरा करने कर भरोसा दिया। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भारतीय मेडिकल सर्विस (आइएमएस) की शुरुआत करने की बात भी कही है।

फोर्डा के अध्यक्ष डॉ. पंकज सोलंकी ने कहा कि बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने खुद कहा कि देश में आइएमएस कैडर होना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों से जानकारी मांगी है। आइएमएस कैडर बनने से यह फायदा होगा कि नौकरशाही में भी डॉक्टरों को जगह मिल पाएगी और वे स्वास्थ्य संबंधी नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाएंगे।

डॉ. सोलंकी ने कहा कि नड्डा ने हड़ताल करने का कारण पूछा। हैरानी की बात यह है कि नौकरशाहों ने डॉक्टरों की मांगों के बारे में उन्हें जानकारी नहीं दी थी। इसलिए उनसे सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की खामियों और डॉक्टरों की मांगों के बारे में अवगत कराया गया।

जावेद ए चौधरी कमेटी ने डॉक्टरों को 30 फीसद गैर प्रैक्टिस भत्ता (एनपीए) देने की सिफारिश की थी। इसे अब तक लागू नहीं किया गया। डॉक्टरों को 25 फीसद एनपीए मिलता रहा है। सातवें वेतन आयोग में इसे भी घटाने और मूल वेतन से अलग करने का प्रस्ताव किया गया है।

इसके अलावा अस्पतालों में डॉक्टरों के 25 फीसद पद रिक्त पड़े हैं। स्वास्थ्य मंत्री को इस तथ्य से अवगत कराया गया कि संघ लोक सेवा आयोग डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया के बाद जब परिणाम घोषित करता है, तब प्रतीक्षा सूची जारी नहीं करता ताकि चयनित डॉक्टरों के ज्वाइन नहीं करने पर प्रतीक्षा सूची वाले डॉक्टरों को मौका मिल सके।

मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर की सीटें भी बहुत कम है। इसके अलावा रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष रात्रिकालीन भत्ता, अतिरिक्त ड्यूटी भत्ता सहित कई अन्य मांगे रखी है। डॉक्टरों की मांगों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए जेपी नड्डा ने मंगलवार को मंत्रलय के अधिकारियों की बैठक बुलाई है।

मंत्रालय के इस हस्तक्षेप के बाद बहुत हद तक उम्मीद है कि रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा वापस ले लेंगे, लेकिन अभी इस पर फोर्डा ने कुछ फैसला नहीं किया है। फोर्डा ने सोमवार को अंबेडकर अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की बैठक बुलाई है। इसके बाद ही फोर्डा आगे की रणनीति तय करेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.