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मारपीट मामले में केस दर्ज करने में पुलिस ने की मनमानी

स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली मारपीट व झगड़े के मामले में पुलिसकर्मी किस तरह मनमानी करते

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Apr 2018 11:17 PM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2018 11:17 PM (IST)
मारपीट मामले में केस दर्ज करने में पुलिस ने की मनमानी
मारपीट मामले में केस दर्ज करने में पुलिस ने की मनमानी

स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली

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मारपीट व झगड़े के मामले में पुलिसकर्मी किस तरह मनमानी करते हैं, इसका नमूना गोकलपुरी इलाके में सामने आया है। यहां वर्ष-2016 के मारपीट के मामले में पुलिस ने बैंक अधिकारियों की शिकायत पर तुरंत केस दर्ज कर लिया, लेकिन दूसरे पक्ष की शिकायत पर एक साल तीन माह के बाद केस दर्ज किया गया। इसकी शिकायत पुलिस आयुक्त से लेकर तमाम अधिकारियों को की गई। पुलिस आयुक्त के निर्देश पर मामले की जांच सतर्कता विभाग ने की। जांच में पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई। सतर्कता विभाग ने उत्तर पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त को थाने में तैनात एसआइ सुभाष और पीसीआर (पुलिस कंट्रोल रूम) के एएसआइ राम किशोर पर विभागीय कार्रवाई के साथ तत्कालीन थाना प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगने को कहा। इस पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आरपी मीणा ने एसआइ सुभाष को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही एएसआइ रामकिशोर पर कार्रवाई के लिए पीसीआर और तत्कालीन थाना प्रभारी से स्पष्टीकरण के लिए रोहिणी जिले को पत्र लिखा है। ये थानाप्रभारी फिलहाल रोहिणी जिले में तैनात हैं।

जानकारी के मुताबिक हरिकृष्ण (30) परिवार के साथ गोकलपुरी में रहते हैं। गोकलपुर गांव के गेट पर केनरा बैंक की शाखा है। घटना 25 जुलाई, 2016 की है। सड़क पर बैंक कर्मचारियों की गाड़ियां खड़ी थीं। इसकी वजह से लोगों को आने जाने में दिक्कत हो रही थी। हरिकृष्ण इसी दौरान अपनी गाड़ी से आ रहे थे, लेकिन उन्हें निकलने का रास्ता नहीं मिला। उन्होंने बैंक मैनेजर आशुतोष से गाड़ियां हटाने के लिए कहा तो दोनों के बीच कहासुनी हो गई। बाद में यह झगड़े में तब्दील हो गई। दोनों पक्षों ने पुलिस को फोन कर इसकी सूचना दे दी। इसके बाद दोनों ने लिखित शिकायत भी दी, लेकिन जांच अधिकारी सुभाष ने सिर्फ मैनेजर की शिकायत पर ही केस दर्ज किया और इसकी जानकारी हरिकृष्ण को नहीं दी गई। कुछ माह बाद हरिकृष्ण को इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस अधिकारियों से उनकी शिकायत पर भी केस दर्ज करने का अनुरोध किया, लेकिन उनकी फरियाद नहीं सुनी गई। इस पर उन्होंने पुलिस उपायुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त और अधिकारियों को शिकायत भेजी। मामला जब उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो 22 नवंबर, 2017 को हरिकृष्ण की शिकायत पर एफआइआर दर्ज कर ली गई, लेकिन तब तक पुलिसकर्मियों की लापरवाही की जांच सतर्कता विभाग ने शुरू कर दी थी। सतर्कता विभाग ने फरवरी में अपनी जांच पूरी कर ली। इसमें पाया गया कि गोकलपुरी थाने के जांच अधिकारी सुभाष और पीसीआर के जांच अधिकारी एएसआइ रामकिशोर ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से नहीं किया। उन्हें लापरवाही का दोषी पाया गया। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आरपी मीणा ने कहा है कि नोटिस का जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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