लोकतंत्र की रक्षा संकल्प के साथ निकली पदयात्रा
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आपातकाल का खुलकर विरोध करने और इसके कारण जेल में बंद हा
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
आपातकाल का खुलकर विरोध करने और इसके कारण जेल में बंद होने वाले आपातकाल बंदियों ने लोकतंत्र रक्षा के संकल्प के साथ पदयात्रा निकाली। लोकतंत्र सेनानी संघ के बैनर तले कई राज्यों से आए सेनानी जंतर-मंतर पर एकत्रित होकर पटेल चौक तक की यात्रा पर निकले। अपने हाथों में ये लोकतंत्र हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, जैसे पोस्टर लिए हुए थे।
1975 में आपातकाल के दौरान इन लोगों ने आजादी की दूसरी लड़ाई में लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपना योगदान किया था। इस कारण 21 मार्च 1977 में आपातकाल समाप्त हो सका। इस मौके पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी ने सेनानियों को शपथ दिलाई कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे भी काम करते रहेंगे।
बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय को उनकी ओर से तीन सूत्री मांग पत्र भी सौंपा गया, जिसमें आपातकाल बंदियों को भी स्वतंत्रता सेनानियों की तरह लोकतंत्र सेनानी के रूप में दर्जा देने, आपातकाल के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से माफी मांगने व आपातकाल को स्कूल और कालेज के पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी मांग की है। वहीं, लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रवक्ता अश्वनी राणा ने बताया कि 21 मार्च 1977 को आपातकाल समाप्त हुआ था। उसकी याद में लोकतंत्र विजय दिवस का भी आयोजन किया गया है जो मावलंकर हाल में होगा। इसमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अनंत कुमार, नरेंद्र तोमर व थावरचंद गहलोत भी शामिल होंगे।