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आप विधायक सोमदत्त को हाई कोर्ट से मिली जमानत

वर्ष 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान मारपीट करने के मामले में आप विधायक सोमदत्त को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिल गई। चुनौती याचिका पर न्यायमूर्ति सुरेश कैट की पीठ ने सोमदत्त को जमानत दे दी। 12 जुलाई को सत्र न्यायाधीश ने

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 07:39 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 06:37 AM (IST)
आप विधायक सोमदत्त को हाई कोर्ट से मिली जमानत
आप विधायक सोमदत्त को हाई कोर्ट से मिली जमानत

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- निचली अदालत ने सुनाई थी छह महीने की सजा

- वर्ष 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान मारपीट का मामला

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : वर्ष 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान मारपीट करने के मामले में आप विधायक सोमदत्त को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। चुनौती याचिका पर न्यायमूर्ति सुरेश कैट की पीठ ने सोमदत्त को जमानत दे दी। 12 जुलाई को सत्र न्यायाधीश ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमदत्त को रोहिणी जेल भेज दिया था। अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।

विधायक की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता विकास पाहवा व अधिवक्ता आर अरुंधति ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ झूठा मामला बनाया गया है। मारपीट का दावा करने वाले व्यक्ति की मेडिकल रिपोर्ट में विसंगतियां हैं। राउज एवेन्यू की मजिस्ट्रेट अदालत ने विधायक सोमदत्त को चार जुलाई को छह महीने जेल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान एक शख्स से मारपीट करने के मामले में उन्हें दोषी ठहराया था। मजिस्ट्रेट के आदेश को सोमदत्त ने सत्र न्यायाधीश की अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। सत्र न्यायालय ने कहा कि मजिस्ट्रेट के आदेश में बदलाव करने का कोई तार्किक आधार नहीं है। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने विधायक सोमदत्त को किसी को गंभीर चोट पहुंचाने, दंगा भड़काने, गैरकानूनी जमावड़ा की धाराओं में दोषी करार देते हुए छह महीने की सजा व दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

अदालत ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि 10 जनवरी 2015 को रात करीब आठ बजे सोमदत्त अपने 50 समर्थकों के साथ भवन संख्या 13 में पहुंचे थे, जहां शिकायतकर्ता संजीव राणा मौजूद थे। शिकायतकर्ता के साथ विधायक व समर्थकों ने मारपीट की थी। सोमदत्त के खिलाफ पंजाबी बाग थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। अभियोजक पक्ष ने आरोप लगाया था कि विधायक ने बेसबॉल के बल्ले से शिकायतकर्ता संजीव राणा के पैर में मारा था, जबकि समर्थक शिकायतकर्ता को घसीटकर सड़क पर लाकर पिटाई की थी।


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