Delhi Mayor Election: गुंडागर्दी कर रही भाजपा, निगम सदन में हुए हंगामे को लेकर AAP का हमला
Delhi Mayor Election निगम सदन में हुए हंगामे को लेकर आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने प्रेस वार्ता कर भाजपा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा निगम चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने के लिए तैयार नहीं है। (Photo- Jagran)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Mayor Election: दिल्ली नगर निगम सदन में मंगलवार को हुए हंगामे को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक आतिशी और व मुकेश गोयल ने प्रेस वार्ता कर भाजपा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा निगम चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने के लिए तैयार नहीं है। महापौर के चुनाव में भाजपा के लोग अब गुंडागर्दी कर रहे हैं। इसके बावजूद भाजपा के नेताओं ने हमारे पार्षदों पर हंगामा करने का आरोप लगाया है।
आतिशी ने कहा, "हम भाजपा के नेताओं को चुनौती देते हैं कि हमारे किसी एक भी पार्षद ने हंगामा किया है तो उसका वीडियो जारी करें और हमारे पास उनके पार्षदों के हंगामे के कई वीडियो हैं। महापौर के चुनाव को रोकने का जो प्रयास किया जा रहा है इसके लिए हम कोर्ट भी जाएंगे।"
Senior AAP leader & MLA @AtishiAAP along with Leader of the House in MCD @Mukeshgoelaap addressing an important Press Conference | LIVE https://t.co/mF8OSpGwk0
— AAP (@AamAadmiParty) January 25, 2023
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को आयोजित निगम सदन की बैठक में भी महापौर का चुनाव नहीं हो सका। हंगामे के कारण बैठक अगली तिथि तक के लिए स्थगित कर दी गई। पार्षदों के शपथ ग्रहण और महापौर व उपमहापौर चुनाव के लिए बुलाई गई दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई।
आप के पार्षदों ने सदन में बैठकर किया विरोध
इससे आक्रोशित आप के पार्षदों ने मंगलवार देर शाम तक सदन में बैठकर विरोध किया, तो भाजपा पार्षदों ने सदन के बाहर आप पर हंगामा करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। बैठक में महापौर का निर्वाचन नहीं होने से निगम में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है। पहली बार ऐसे हालात बने हैं कि पार्षदों की शपथ तो हो गई, लेकिन महापौर व उपमहापौर का निर्वाचन नहीं हो पाया।
निगमों के एकीकरण के बाद से विशेष अधिकारी महापौर व स्थायी समिति के अध्यक्ष की शक्तियों का उपयोग कर रहे थे और उनकी नियुक्ति सदन की पहली बैठक (छह जनवरी को हंगामे के कारण बैठक नहीं हो पाई थी) होने तक के लिए ही थी। अब सदन की पहली बैठक भी हो चुकी है, लेकिन महापौर निर्वाचित नहीं हो पाया है। ऐसे में वर्तमान हालात में निगम का मुखिया कौन होगा, इसके लिए निगम अधिकारियों और जनता की निगाहें एलजी वीके सक्सेना के फैसले की ओर टिकी हैं, जो वह केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह पर लेंगे।
पहले मनोनीत सदस्यों की शपथ पर आप ने जताई आपत्ति
एमसीडी मुख्यालय में मंगलवार को सदन की बैठक वहीं से शुरू हुई, जहां छह जनवरी को हंगामे के कारण रुक गई थी। बैठक शुरू होते ही पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने पहले मनोनीत सदस्यों को शपथ के लिए बुलाया, तो आप पार्षद दल के नेता मुकेश गोयल ने आपत्ति जताते हुए निगम एजेंडे में तय कार्यसूची के अनुसार निर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण पहले कराने की मांग की। लेकिन, उनके पीठासीन अधिकारी ने यह कहते हुए उनके विरोध को दरकिनार कर दिया कि यह उनके विवेक पर निर्भर करता है कि पहले किसकी शपथ कराएं।
उन्होंने दोहराया कि मनोनीत सदस्यों की शपथ पहले होगी और ऐसा ही हुआ भी। उसके बाद निर्वाचित पार्षदों की शपथ भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। बीच में शपथ के दौरान पार्षदों द्वारा अपने दलों के नेताओं की जय-जयकार करने पर छिटपुट हंगामा होता रहा, लेकिन आखिरी के चार-पांच पार्षदों की शपथ से पूर्व पार्षदों की नारेबाजी से निगम सदन में हंगामे के हालात बनने लगे।